G-20 से पहले वर्ल्ड बैंक ने की भारत की तारीफ:कहा- भारत ने 5 दशक का काम 6 साल में किया, PM मोदी बोले- यह इनोवेशन का रिजल्ट

वर्ल्ड बैंक

वर्ल्ड बैंक ने G-20 शिखर सम्मेलन से पहले भारत की प्रशंसा करते हुए कहा है कि भारत की डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) ने फाइनेंशियल इंक्लूजन में 6 सालों में जितनी ग्रोथ की है, उसमें सामान्य तौर पर 5 दशक का समय लग जाता है। यानी भारत सरकार ने 5 दशकों का काम 6 सालों में कर दिया है। फाइनेंशियल बॉडी ने कहा, भारत की इस उपलब्धि में UPI, जनधन अकाउंट और मोबाइल कनेक्टिविटी का सबसे बड़ा योगदान है।

वर्ल्ड बैंक ने ‘G-20 ग्लोबल पार्टनरशिप फॉर फाइनेंशियल इंक्लूजन (GPFI)’ नाम के अपने डॉक्यूमेंट में बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की लीडरशिप में भारत ने UPI,जन-धन अकाउंट, AADHAR, ONDC और CoWin जैसी योजनाओं से काफी बेहतर DPI डेवलप किया है।

पीएम मोदी ने कहा- यह तेज प्रोग्रेस और इनोवेशन का रिजल्ट
पीएम मोदी ने कहा- डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा संचालित फाइनेंशियल इंक्लूजन में भारत की छलांग! वर्ल्ड बैंक द्वारा तैयार किए गए G20 डॉक्यूमेंट में काफी इंटरेस्टिंग प्वाइंट शेयर किए गए हैं। भारत ने 47 साल के फाइनेंशियल इंक्लूजन के टारगेट को 6 साल में पूरा किया है। हमारे मजबूत डिजिटल पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर और लोगों की भावना को बधाई। यह तेज प्रोग्रेस और इनोवेशन का रिजल्ट भी है।

पीएम मोदी ने वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट पर कहा- हमारे मजबूत डिजिटल पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर और लोगों की भावना को बधाई।

पीएम मोदी ने वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट पर कहा- हमारे मजबूत डिजिटल पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर और लोगों की भावना को बधाई।

वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में क्या है?
1. वित्तीय समावेशन में जन धन योजना, आधार और मोबाइल नंबर ने काफी बड़ा योगदान दिया है।
2. भारत ने महज 6 साल में अपनी फाइनेंशियल इंक्लूजन दर को 2008 के 25% से 80% युवा तक पहुंचा दिया है।
3. भारत की DPI ने पब्लिक सेक्टर यानी सरकारी सेक्टर को ही नहीं बल्कि प्राइवेट सेक्टर की भी कैपेसिटी बढ़ा दी है।
4. कुछ नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विसेज (NBFCs) ने छोटे कारोबारियों को लोन देने में 8% तक की कन्वर्जन रेट दर्ज की है। डेप्रिसिएशन कॉस्ट में भी 65% की कमी आई है। वहीं, फ्रॉड या धोखाधड़ी का पता लगाने वाले खर्च में भी 66% की कमी आई है।
5. रिपोर्ट में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी UPI की सफलता को भी हाइलाइट किया गया है। इसमें कहा गया है कि UPI से ट्रांजैक्शन की राशि भारत की GDP के आधा से ज्यादा है।
6. रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत और सिंगापुर के बीच इस साल फरवरी में हुई UPI इंटरलिंकिंग ने तेज, सस्ती और ट्रांसपेरेंट क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट की सुविधा दी है।

Source: ln.run/3_wDT

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