अब दिन में 8 घंटे 20% तक सस्ती बिजली मिलेगी:टाइम ऑफ डे टैरिफ शुरू, लेकिन पीक आवर्स में इतनी ही महंगी भी होगी

अब दिन में 8 घंटे 20% तक सस्ती बिजली मिलेगी:टाइम ऑफ डे टैरिफ शुरू, लेकिन पीक आवर्स में इतनी ही महंगी भी होगी

केंद्र सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए शुक्रवार को बिजली टैरिफ सिस्टम में दो बड़े बदलाव किए हैं। ये टाइम ऑफ डे (TOD) टैरिफ की शुरुआत और स्मार्ट मीटरिंग प्रॉविजन्स को सुधारने से जुड़े हैं।

TOD के तहत देशभर के बिजली उपभोक्ताओं से समय के अनुसार टैरिफ वसूला जाएगा। यानी बिजली की दरें चौबीस घंटे समान रहने के बजाय दिन के अलग-अलग समय में अलग-अलग रहेंगी।

टैरिफ सिस्टम को इस तरह समझिए…
बदलाव के मुताबिक, सौर घंटों यानी सूर्य के आसमान में रहने के दौरान (दिन के 8 घंटे) टैरिफ सामान्य टैरिफ से 10% से 20% कम होगा। वहीं पीक आवर्स (व्यस्त समय अमूमन रात में) के दौरान टैरिफ 10% से 20% अधिक होगा। 10 किलोवाट और ज्यादा मांग वाले कमर्शियल कस्टमर्स के लिए TOD प्लान अप्रैल 2024 से लागू होगा।

कृषि को छोड़कर अन्य सभी कस्टमर्स के लिए यह अप्रैल 2025 से लागू होगा। इसके लिए स्मार्ट मीटर लगवाना होगा। इसके तुरंत बाद TOD के साथ बिलिंग शुरू हो जाएगी।

दूसरा बदलाव स्मार्ट मीटरिंग नियमों को सरल करने से जुड़ा है। कस्टमर्स को उत्पीड़न से बचाने के लिए मैक्सिमम लोड से ज्यादा बढ़ोतरी पर जुर्माने को कम किया गया है।

जानिए इसके क्या फायदे होंगे

  • पीक आवर्स में बिजली उपभोक्ता अधिक बिजली खपत वाले कामों से परहेज कर सकेंगे।
  • सौर घंटों (दिन के 8 घंटे) के दौरान बिजली खपत का प्रबंधन कर बिल में 20% तक की बचत कर सकेंगे।
  • TOD मीटरिंग की खासियत यह है कि इसे दूर से भी रीड कर पे लोड का आकलन किया जा सकेगा। इससे बिजली चोरी रुकेगी।
  • दिन में बिजली सस्ती और रात को महंगी मिलने से लोगों में बचत की आदत बनेगी।

पढ़िए इस पर भास्कर एक्सपर्ट क्या कहते हैं…

रात में बिजली की डिमांड बढ़ी तो दरें और ज्यादा हो सकती हैं
नई दिल्ली के शैलेंद्र दुबे कहते हैं- सरकार का मानना है कि दिन में सोलर बिजली सस्ती होती है। रात को डिमांड थर्मल पावर पूरी करेगा। यह डिमांड के स्तर पर भी निर्भर होगा। डिमांड ज्यादा होने पर दरें ज्यादा होंगी। सोलर समेत ऊर्जा के सभी रिन्यूएबल सोर्सेज स्रोतों से फिलहाल इतनी बिजली नहीं बन पा रही है कि वह दिन की डिमांड पूरी कर सके। लाजमी है कि थर्मल प्लांट चलाने होंगे। अभी देश की 75% जरूरत थर्मल पावर से पूरी हो रही है। सरकार दिन में जिस थर्मल से बिजली बनाएगी, वह सस्ती और शाम को महंगी कैसे करेगी?

Source: https://shorturl.at/jrs09

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