केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बोले- जम्मू-कश्मीर से AFSPA हटाएंगे: सितंबर से पहले विधानसभा चुनाव होंगे

amit shah

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार (27 मार्च) को कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर से आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर्स एक्ट (AFSPA) हटाने पर विचार कर रही है। सरकार वहां मौजूद जवानों को वापस बुलाने का भी प्लान बना रही है।

अमित शाह ने जेके मीडिया ग्रुप को दिए इंटरव्यू में कहा कि सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी सिर्फ पुलिस को सौंपने की तैयारी की है। पहले वहां कि पुलिस पर ट्रस्ट नहीं किया जा सकता था, लेकिन अब वह बड़े ऑपरेशन लीड कर रही है।

इसके अलावा उन्होंने राज्य में सितंबर से पहले विधानसभा चुनाव कराने की भी बात कही। सुप्रीम कोर्ट ने भी सितंबर 2024 से पहले वहां चुनाव कराने के निर्देश दिए थे।

1. जम्मू-कश्मीर के OBC को पहली बार रिजर्वेशन मिला

अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के OBC को मोदी सरकार ने रिजर्वेशन दिया। महिलाओं को भी हमारी सरकार ने एक तिहाई आरक्षण दिया है। पंचायत और शहरी स्थानीय निकायों में OBC रिजर्वेशन की व्यवस्था भी की गई। हमने ही SC और ST के लिए रिजर्वेशन की जगह बनाई है।

अमित शाह ने कहा- हमने गुज्जर और बकरवाल समुदाय की हिस्सेदारी कम किए बिना पहाड़ियों को 10 प्रतिशत रिजर्वेशन दिया। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से विस्थापित लोगों को अकोमोडेट करने के लिए हमने विशेष प्रावधान किए हैं। हमारी सरकार इन सुविधाओं को ग्रास रूट लेवल तक पहुंचाने का प्रण लिया है।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने कई बार इस आरक्षण की व्यवस्था को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन अब जनता उनके इरादे जान गई है। शाह ने पूछा कि 75 साल से इन लोगों को नेशनल कॉन्फ्रेंस ने रिजर्वेशन क्यों नहीं दिया।

2. जम्मू-कश्मीर में अब एक भी फेक एनकाउंटर नहीं होता
अमित शाह ने कहा कि जब यहां आतंकवाद का दौर था, तब अब्दुल्ला इंग्लैंड के दौरे पर चले जाते थे। दोनों (अब्दुल्ला और महबूबा) को जम्मू कश्मीर के मुद्दों पर राय देने का कोई हक नहीं है। इन दोनों के कार्यकाल में बहुत फेक एनकाउंटर हुए थे। पिछले 5 साल में यहां एक भी फेक एनकाउंटर नहीं हुआ, बल्कि फेक एनकाउंटर में शामिल लोगों के खिलाफ FIR ही दर्ज हुई है।

3. आतंकवाद से जुड़े 12 संगठन बैन किए
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने 12 संगठनों को बैन किया है, जिनके तार आतंकवाद से जुड़े थे। हमारी सरकार में टेरर फंडिंग से जुड़े 22 केस दर्ज किए गए हैं। 150 करोड़ की संपत्ति भी सीज की है। साथ ही 134 बैंक अकाउंट भी फ्रीज किए हैं।

4. मोदी सरकार के कार्यकाल में आतंकवाद घटा
अमित शाह ने कहा- 2010 में जम्मू कश्मीर में पत्थरबाजी के 2564 घटनाएं हुई थीं, जो अब शून्य हो गई है। 2004 से 2014 तक आतंकवाद की 7217 घटनाएं हुई थीं। अब इसमें 70 प्रतिशत की कमी आई है। 2014 से 2023 तक ये घटनाएं घटकर 2227 हो गई हैं।

अमित शाह ने दावा किया 2004 से 2014 तक मौतों की कुल संख्या 2829 थीं। 2014-2023 के दौरान इनमें 68 प्रतिशत कमी आई। 2014 से 2023 तक 915 मौतें हुईं

सिविलियंस की मौतों में भी कमी आई है। 2004 से 2014 के बीच 1770 सिविलियंस की मौतें हुईं। इसमें भी कमी आई है। मोदी सरकार के कार्यकाल में 341 मौतें हुई हैं। वहीं, 2004 से 2014 तक 1060 जवानों की जानें गई थीं। 2014 से 2023 तक इसमें 46 प्रतिशत की कमी आई है। मोदी सरकार के कार्यकाल में 574 जवानों को ने अपनी जाने गवाईं।

5. शाह की अपील- युवा पाकिस्तानी साजिश से दूर रहे
अमित शाह ने कहा- लोगों के बिना सपोर्ट के ये बदलाव नहीं मिल सकते थे। जो लोग इस्लाम की बात करते हैं उन्हें पता होना चाहिए कि मरने वालों में 85 फीसदी हमारे मुस्लिम भाई-बहन थे। मैं यहां के युवाओं से भी कहना चाहता हूं कि उन्हें पाकिस्तान की तरफ से हो रही साजिश से दूर रहना चाहिए।

आज पाकिस्तान भुखमरी और गरीबी की मार झेल रहा है। वहां के लोग भी कश्मीर को स्वर्ग के रूप में देखते हैं। मैं सभी को बताना चाहता हूं कि अगर कोई कश्मीर को बचा सकता है तो वह प्रधानमंत्री मोदी ही हैं। मोदी सरकार शहीदों के परिजनों को नौकरी देकर सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ा रही है। आज एक भी शहीद का परिवार बिना नौकरी के नहीं है।

क्या है AFSPA ?
AFSPA को केवल अशांत क्षेत्रों में लागू किया जाता है। इन जगहों पर सुरक्षाबल बिना वारंट के किसी को भी गिरफ्तार कर सकते हैं। कई मामलों में बल प्रयोग भी हो सकता है। पूर्वोत्तर में सुरक्षाबलों की सहूलियत के लिए 11 सितंबर 1958 को यह कानून पास किया गया था। 1989 में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद बढ़ने पर यहां भी 1990 में अफस्पा लागू कर दिया गया। अशांत क्षेत्र कौन-कौन से होंगे, ये भी केंद्र सरकार ही तय करती है।

Source: ln.run/n3R1Q