अब होम लोन चुकाने के बाद बैंक और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस को 30 दिन के अंदर ग्राहकों को प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट्स वापस लौटाने होंगे। ऐसा न करने पर ग्राहक को 5000 रुपए प्रतिदिन मुआवजे के रूप में देना होगा।
रिजर्व बैंक ने बुधवार को एक सर्कुलर जारी कर इसकी जानकारी दी। नए निर्देश बैंक, NBFCs, हाउसिंग फाइनेंस इंस्टीट्यूशन, एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी, रीजनल बैंक और कोऑपरेटिव बैंक पर लागू होंगे।
आमतौर पर लोन के बदले में बैंक कोलैटरल के तौर पर प्रॉपर्टी के ओरिजिनल डॉक्यूमेंट रख लेते हैं। जून में एक RBI कमेटी ने कहा था कि अगर कर्जधारकों के ओरिजिनल पेपर्स बैंक खो देते हैं, तो उन्हें मुआवजे के साथ-साथ पेनल्टी भी देनी होगी।
अब स्थानीय भाषा में होंगे लोन एग्रीमेंट
हाल ही में रिजर्व बैंक ने लोन को लेकर बैंकों को नए दिशानिर्देश जारी किए थे। इसमें बताया था कि अब ग्राहक की अपनी भाषा में लोन एग्रीमेंट होगा। उसमें बैंकों को पेनल्टी और लेट फीस (विलंब शुल्क) के नियम बोल्ड अक्षरों में लिखने पड़ेंगे। ये नियम अगले साल 1 जनवरी से लागू होंगे।
ये चार बदलाव जानना जरूरी
- ग्राहक की अपनी भाषा में लोन एग्रीमेंट होगा। ऐसा करते समय बैंक लेट पेमेंट पर पेनल्टी और विलंब शुल्क बोल्ड अक्षरों में लिखेंगे।
- हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां होम लोन ले रहे ग्राहक को बताएंगी कि लोन समय पर डिस्बर्स न होने पर कितनी फीस वापस मिलेगी। यदि लोन फ्लोटिंग से फिक्स पर ले जाना हो तो कितनी फीस लगेगी। समय से पहले पेमेंट को लेकर भी स्थिति स्पष्ट करनी होगी।
- हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां स्थानीय भाषा में ग्राहक को सेंक्शन लेटर जारी करेंगी। इसमें सालाना ब्याज दर तय करने की प्रक्रिया और ईएमआई के ढांचे के बारे में समझ में आने लायक जानकारी देनी होगी।
- होम लोन ग्राहकों को ब्याज दर सालाना आधार पर बतानी होगी, ताकि ग्राहक जान सके कि वह साल में कितना ब्याज दे रहा है। इससे पहले पीनल चार्ज की भी जानकारी देनी होती थी, जो अभी जरूरी नहीं है।
पेनल्टी के लिए बनेगा बोर्ड
- पेनल्टी या कर्ज पर शुल्क तय करने की एक सर्वमान्य प्रक्रिया अपनाई जाएगी। बोर्ड का गठन होगा। वह जो तय करेगा, सभी को मानना होगा।
- पेनल्टी की दर तय होगी। स्पष्ट करना होगा कि ग्राहक ने पहले बताई गई किन शर्तों का उल्लंघन किया है। इन्हें लागू करने में किसी भी ग्राहक के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।
- फाइनेंशियल कंपनियों की सेल्स टीम को लोन देने से पहले शर्तों और पेनल्टी के बारे में विस्तार से बताना होगा। दरें साइट पर डिस्प्ले करनी होंगी।
- EMI का भुगतान न करने पर ग्राहकों को जो रिमाइंडर मैसेज भेजे जाते हैं, उसमें लगने वाली पेनल्टी के बारे में विस्तार से बताया जाएगा।
- पर्सनल लोन लेने वाले को बिजनेस और दूसरी जरूरतों के लिए स्वीकृत लोन चुकाने में देरी पर नियमों से ज्यादा पेनल्टी नहीं लगाई जा सकेगी।
होम लोन क्या है
अगर आपके पास घर लेने के लिए रकम नहीं है। तब बैंकिंग और नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी लंबे समय के लिए कर्ज देती है। इसे इंटरेस्ट रेट पर लिया जाता है। जिसे EMI यानी मंथली इंस्टॉलमेंट में एक निश्चित समय के अंदर चुकाना होता है।
Source: ln.run/Zsmr_