जल्द शुरू हो सकती है गो फर्स्ट एयरलाइन:फ्लाइट शुरू करने के लिए DGCA से शर्तों के साथ मंजूरी, 3 मई से बंद है ऑपरेशन

गो फर्स्ट एयरलाइन

एविएशन रेगुलेटर डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने शुक्रवार को कर्ज में डूबी एयरलाइन गो फर्स्ट को फ्लाइट दोबारा शुरू करने के लिए शर्तों के साथ मंजूरी दे दी। DGCA ने कहा कि गो फर्स्ट एयरलाइन दिल्ली हाईकोर्ट और NCLT में चल रहे केस के नतीजे के आधार पर अपने ऑपरेशन शुरू कर सकती है। कैश की किल्लत के कारण गो फर्स्ट के ऑपरेशन 3 मई से बंद है।

एयरलाइन ने 28 जून को एविएशन रेगुलेटर को अपना रिजम्पशन प्लान दिया था। इसकी जांच करने के बाद DGCA ने इसे स्वीकार किया है। DGCA ने कहा कि गो फर्स्ट फ्लाइट ऑपरेशन शुरू कर सकता है, बशर्ते वह एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट रखने के लिए सभी नियमों का पालन करता हो। एयरलाइन को ये भी तय करना होगा कि विमान ऑपरेशन के लिए पूरी तरह सेफ है।

गो फर्स्ट ने गुरुवार को कहा कि उसकी सभी उड़ाने कम से कम 23 जुलाई 2023 तक सस्पेंड कर दी गई हैं। गो फर्स्ट ने सबसे पहले 2 मई 2023 को ऐलान किया था कि वो अपनी फ्लाइट्स 3, 4 और 5 मई के लिए कैंसिल कर रही है। गो फर्स्ट की वेबसाइट के अनुसार एयरलाइन एक समय रोजाना 27 डोमेस्टिक और 8 इंटरनेशनल डेस्टिनेशन के लिए 200 से ज्यादा फ्लाइट ऑपरेट करती थी।

5 पॉइंट में पूरी मामला समझें..

  • गो फर्स्ट एयरलाइन ने 2 मई को बताया कि वो 3, 4 और 5 मई के लिए अपनी सभी फ्लाइट कैंसिल कर रही है।
  • 3 मई को एयरलाइन स्वैच्छिक दिवालिया याचिका के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल यानी NCLT पहुंच गई।
  • गो फर्स्ट एयरलाइन की याचिका पर NCLT ने 4 मई को सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था।
  • फ्लाइट सस्पेंशन को 4 मई से बढ़ाकर 9 मई तक किया। फिर बढ़ाते-बढ़ाते 23 जुलाई तक कर दिया गया।
  • 10 मई को NCLT ने एयरलाइन को राहत देते हुए मोरेटोरियम की मांग को मान लिया और IRP नियुक्त किया।
  • NCLT के इस आदेश के खिलाफ लेसर्स ने NCLAT यानी नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल में भी अपील की।
  • अपीलेट ट्रिब्यूनल ने NCLAT के आदेश को बरकरार रखा। फिर गो फर्स्ट से DGCA को रिवाइवल प्लान दिया।

अभिलाष लाल को IRP नियुक्त किया था
जस्टिस रामलिंगम सुधाकर और LN गुप्ता की दो सदस्यीय बेंच ने कर्ज में डूबी गो फर्स्ट को चलाने के लिए अभिलाष लाल को इंटेरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल यानी IRP नियुक्त किया था। यह पहली बार था जब किसी भारतीय एयरलाइन ने खुद से ही अपने कॉन्ट्रेक्ट और कर्ज को रिनेगोशिएट करने के लिए बैंकरप्सी प्रोट्रेक्शन की मांग की थी। बाद में पिर शैलेन्द्र अजमेरा को रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल बनाया गया।

इंजन सप्लाई नहीं होने से बंद करने पड़े ऑपरेशन
एयरलाइन का दावा है कि इंजनों की सप्लाई नहीं होने से उसे अपने ऑपरेशन बंद करने पड़े है। अमेरिका के एयरक्राफ्ट इंजन मैन्युफैक्चरर प्रैट एंड व्हिटनी (PW) को गो फर्स्ट को इंजन की सप्लाई करनी थी, लेकिन उसने समय पर इसकी सप्लाई नहीं की। ऐसे में गो फर्स्ट को अपनी फ्लीट के आधे से ज्यादा एयरक्राफ्ट ग्राउंडेड करने पड़े। इससे उसे भारी नुकसान हुआ।

फ्लाइट नहीं उड़ने के कारण उसके पास कैश की कमी हो गई और फ्यूल भरने के लिए भी पैसे नहीं बचे। एयरलाइन के A20 नियो एयरक्राफ्ट में इन इंजनों का इस्तेमाल होता है। एयरलाइन के CEO कौशिक खोना का दावा है कि इंजन की खराबी से कंपनी को बीते तीन साल में 1.1 बिलियन डॉलर यानी करीब 8.9 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

गो फर्स्ट ने अपने नुकसान के लिए इंजन सप्लायर को जिम्मेदार बताया है। इंजन नहीं मिलने के कारण एयलाइन को अपने एयरक्राफ्ट ग्राउंडेड करने पड़े।

गो फर्स्ट ने अपने नुकसान के लिए इंजन सप्लायर को जिम्मेदार बताया है। इंजन नहीं मिलने के कारण एयलाइन को अपने एयरक्राफ्ट ग्राउंडेड करने पड़े।

गो फर्स्ट के साथ PW के कॉन्ट्रैक्ट में तीन बड़ी शर्तें थीं:

  • विमान का इंजन खराब हो जाता है तो 48 घंटे के भीतर स्पेयर इंजन देना होगा।
  • फॉल्टी इंजनों की फ्री में रिपेयरिंग करानी होगी क्योंकि सभी इंजन वारंटी में हैं।
  • ग्राउंडेड विमानों के कारण हुए नुकसान का कम्पेनसेशन भी देना होगा।

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2020 तक, PW ने समय पर स्पेयर इंजन उपलब्ध कराए, फ्री में रिपेयरिंग की और कम्पेनसेशन भी दिया। उसके बाद एयरलाइन को कुछ भी नहीं मिला। एयरलाइन ने पिछले साल मार्च में एक हफ्ते में 2,084 फ्लाइट ऑपरेट की थीं। विमानों के ग्राउंडेड होने के साथ इस साल मार्च तक ये आंकड़ा घटकर 1,642 पर आ गया।

2005 में मुंबई से अहमदाबाद के लिए उड़ी थी पहली फ्लाइट
गो फर्स्ट वाडिया ग्रुप की बजट एयरलाइन है। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार 29 अप्रैल 2004 को गो फर्स्ट की शुरुआत हुई थी। नवंबर 2005 में मुंबई से अहमदाबाद के लिए पहली फ्लाइट ऑपरेट की। एयरलाइन के बेड़े में 59 विमान शामिल हैं।

इनमें से 54 विमान A320 NEO और 5 विमान A320 CEO हैं। गो फर्स्ट 35 डेस्टिनेशन के लिए अपनी फ्लाइट ऑपरेट करता है। इसमें से 27 डोमेस्टिक और 8 इंटरनेशनल डेस्टिनेशन शामिल हैं। एयरलाइन ने साल 2021 में अपने ब्रांड नाम को गोएयर से बदलकर गो फर्स्ट कर दिया था।

Source: ln.run/hsDTA

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