डीपफेक का ‘डेंजर’ होगा खत्म, सरकार लेकर आ सकती कानून, सोशल मीडिया कंपनियों संग बुलाई बैठक

Deepfake

दुनियाभर में इंटरनेट से पैदा होने वाली चुनौतियों में डीपफेक सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है. इससे भारत सरकार भी खासा परेशान है.

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्नोलॉजी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि केंद्र सरकार डीपफेक और भ्रामक सूचनाओं से निपटने के लिए नया कानून लाने पर विचार कर रही है. केंद्रीय मंत्री ने गुरुवार और शुक्रवार को सोशल मीडिया कंपनियों के अधिकारियों के साथ अलग से दो बैठकें भी बुलाई हैं. गुरुवार को होने वाली बैठक में फोटो-वीडियो में होने वाली छेड़छाड़, जबकि शुक्रवार की बैठक में आईटी नियमों के पालन पर चर्चा की जाएगी. 

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चंद्रशेखर ने कहा कि इंटरनेट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सशक्तिकरण करने वाले हैं. मगर इनका इस्तेमाल नुकसान पहुंचाने, समाज में टेंशन पैदा करने, अव्यवस्था पैदा करने और हिंसा फैलाने के लिए किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि डीपफेक भारतीय इंटरनेट यूजर्स के लिए एक बहुत ही जरूरी, स्पष्ट और वर्तमान खतरा है. उनका इशारा हाल ही में डीपफेक के गलत इस्तेमाल से जुड़े हुए मामलों की तरफ था. 

आईटी मंत्री ने क्या कहा? 

समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए राजीव चंद्रशेखर ने कहा, ‘हमने पहले ही बहुत मेहनत की है और अप्रैल 2023 में आईटी नियमों को तैयार किया. हम एक ढांचा बनाने वाले हैं, लेकिन ये यहीं तक सीमित नहीं होने वाला है. अगर जरूरत पड़ी तो नया कानून भी बनाया जाएगा, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि बड़े पैमाने पर डीपफेक या भ्रामक जानकारी पैदा न हो पाए. इंटरनेट पर मौजूद 1.2 अरब भारतीयों की सुरक्षा और विश्वास के लिए ऐसा किया जा रहा है.

सोशल मीडिया कंपनियों संग बैठक

वहीं, आईटी मंत्रालय ने 20 नवंबर को उन सभी सोशल मीडिया कंपनियों से बैठक करने का फैसला किया है, जिनके भारत में 5 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं. इन सोशल मीडिया कंपनियों में गूगल, मेटा जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल हैं. दो दिन पहले ही आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि उनका मंत्रालय डीपफेक पर चर्चा के लिए बैठक करने वाला है. ये बैठकें गुरुवार (23 नवंबर) और शुक्रवार (24 नवंबर) को होने वाली हैं. ये बैठक रेल भवन में होने वाली है. 

Source: ln.run/mc8-O

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