भारत की टेस्ट क्रिकेट टीम इन दिनों उतार-चढ़ाव के दौर में है। कई अनुभवी प्लेयर्स उम्र की वजह से तो कुछ खराब प्रदर्शन के कारण टीम से बाहर हो रहे हैं। इन्हीं में से एक 35 साल के चेतेश्वर पुजारा भी रहे, जिन्हें पिछले दिनों जारी हुई वेस्टइंडीज दौरे की भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया।
पुजारा लंबे समय तक भारत की बैकबोन बने रहे, उन्होंने घरेलू और विदेश के टेस्ट में क्रीज पर लंबा समय टिकाया और रन बनाकर विपक्षी गेंदबाजों को परेशान किया। यही काम उनसे पहले राहुल द्रविड़ किया करते थे। दोनों ही नंबर-3 पर बैटिंग करते थे, अब वेस्टइंडीज दौरे पर उनकी कमी पूरी करने के लिए यशस्वी जायसवाल और ऋतुराज गायकवाड का सिलेक्शन हुआ है।
आंकड़े, टेक्नीक और पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए लग रहा है कि यशस्वी को ही गायकवाड से पहले डेब्यू का मौका मिलेगा। कप्तान रोहित शर्मा और शुभमन गिल ओपनिंग पोजिशन पर टिके ही हैं, ऐसे में यशस्वी को पुजारा की जगह नंबर-3 पर बैटिंग करनी होगी।
डेब्यू से पहले ही 21 साल के यशस्वी पर द्रविड़ और पुजारा की कमी पूरी करने की जिम्मेदारी होगी। जिन्होंने भारत के लिए पिछले 28 साल में 18 हजार से ज्यादा रन बनाए और 55 सेंचुरी भी लगाईं।
आगे स्टोरी में हम यशस्वी के घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन और प्लेइंग स्टाइल के जरिए समझेंगे कि वह भारत की नई ‘द वॉल’ बन सकते हैं या नहीं…
पहले देखते हैं जायसवाल का फर्स्ट क्लास क्रिकेट में प्रदर्शन, जिस आधार पर उनका टीम इंडिया में सिलेक्शन हुआ…
जायसवाल का डोमेस्टिक क्रिकेट में शानदार रिकाॅर्ड
जायसवाल ने डोमेस्टिक क्रिकेट के पिछले 3 साल से शानदार प्रदर्शन किया है। वह मुंबई की ओर से खेलते हैं और रणजी ट्रॉफी डेब्यू छत्तीसगढ़ के खिलाफ 2019 में हुआ था। इस दौरान यशस्वी तीसरे नंबर पर ही बैटिंग करते थे। कुछ समय बाद जायसवाल ने मुंबई के लिए ओपन करना शुरू कर दिया और पिछले 2 सीजन में उन्होंने इस पोजिशन पर खूब रन बनाए।
2019-20 में जायसवाल विजय हजारे ट्रॉफी (वनडे टूर्नामेंट) के टॉप-5 रन स्कोरर में शामिल रहे। उन्होंने 6 मैचों में 112.80 की औसत से 564 रन बनाए। वह लिस्ट-ए में दोहरा शतक बनाने वाले दुनिया के सबसे कम उम्र के क्रिकेटर हैं।
यशस्वी ने 2021-22 के फर्स्ट क्लास सीजन में 83 के एवरेज से रन बनाए। उन्होंने इस साल घरेलू सीजन की शुरुआत में दलीप ट्रॉफी और ईरानी कप में दोहरा शतक लगाया।
WTC फाइनल में टीम इंडिया के साथ थे
जायसवाल वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) में बतौर रिजर्व खिलाड़ी शामिल हुए थे। हालांकि, उन्हें स्क्वॉड में मौका नहीं मिला। लेकिन अब WTC की नई साइकल में वह बतौर बैटर नंबर-3 पर अपने टेस्ट करियर की शुरुआत कर सकते हैं।
IPL में भी चमके
यशस्वी ने साल 2020 में अंडर-19 वर्ल्ड खेलने के बाद IPL डेब्यू किया। शुरुआत में औसत प्रदर्शन करने के बाद पिछले सीजन उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया और एमर्जिंग प्लेयर ऑफ द सीजन का अवॉर्ड जीता।
उन्होंने राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए जोस बटलर के साथ ओपनिंग की और प्रदर्शन के मामले में बटलर को भी पीछे छोड़ दिया। 14 मैचों में 625 रन के साथ यशस्वी सीजन के टॉप-5 रन स्कोरर में शामिल रहे। इस दौरान उन्हें एक शतक भी लगाया।
2022 में बांग्लादेश-ए के खिलाफ लगाया था शतक
2022 में यशस्वी जायसवाल ने बांग्लादेश A के खिलाफ इंडिया A की ओर से 2 टेस्ट मैच खेले। दोनों मैचों में भारत एक-एर ही पारी खेल सका। पहले मैच में जायसवाल ने ओपनिंग की और शतक जड़ दिया। उन्होंने 226 बॉल पर 146 रन बनाए, लेकिन दूसरे मैच में 12 रन ही बना सके।
जायसवाल के पास शॉट्स की रेंज, लेकिन द्रविड़-पुजारा जैसे डिफेंसिव नहीं
जायसवाल कमाल के बल्लेबाज हैं और फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनका स्ट्राइक रेट लगभग 70 रन के आसपास है। जायसवाल बेहतरीन टेक्नीक के साथ लंबे फॉर्मेट में 70 की स्ट्राइक रेट से रन भी बना रहे हैं, जो बेहद शानदार है। उनके पास शॉट्स की कमी नहीं है और टेक्निकल बेहतरीन बैटर होने के साथ उनका फुटवर्क और टाइमिंग भी गजब की है। प्रोपर शॉट्स खेलते हैं और रिस्की शॉट्स खेलने की ज्यादा कोशिश नहीं करते। यही प्रोसेस उन्हें टेस्ट में बहुत आगे ले जा सकती है।
यशस्वी का स्ट्राइक रेट ही उन्हें द्रविड़ और पुजारा से अलग बनाता है। द्रविड़ और पुजारा ने अपने टेस्ट करियर में 45 से भी कम के स्ट्राइक रेट से रन बनाए। टेस्ट में द्रविड़ का स्ट्राइक रेट 42.51 का है और पुजारा का 44.36 का है। जबकि, फर्स्ट क्लास क्रिकेट में यशस्वी का स्ट्राइक रेट 67.48 का है। ऐसे में यह कहना थोड़ा मुश्किल होगा कि जायसवाल अगले ‘द वॉल’ बनकर विपक्षी बॉलर्स को थका देंगे, लेकिन एक बात तो साफ है कि इस युवा क्रिकेटर के पास टीम इंडिया में लंबे समय तक बने रहने की असीम क्षमता है।
Source: ln.run/OsXGp