देश के ज्यादातर बाजारों में टमाटर की कीमत 100 रुपए प्रति किलो के पार निकल गई है। होलसेल मार्केट में टमाटर 65-70 रुपए प्रति किलो में बिक रहे हैं। एक हफ्ते पहले होलसेल मार्केट में टमाटर 30-35 प्रति किलो में बिक रहे थे। रिटेल मार्केट में इसकी कीमत करीब 40-50 रुपए किलो थी। यानी दाम करीब-करीब दोगुने हो गए हैं।
एक महीने पहले यानी मई में तो उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में टमाटर 2-5 रुपए प्रति किलो बिक रहा था। यानी एक महीने में ही टमाटर की कीमतों में 1900% की बढ़ोतरी हुई है।
दिल्ली में 70 रुपए से 100 रुपए तक बिक रहा टमाटर
दिल्ली में 70 से 100 रुपए प्रति किलो में टमाटर बिक रहा है। मध्य प्रदेश के मार्केट में टमाटर 80 से लेकर 100 रुपए जबकि उत्तर प्रदेश में 80 से 100 रुपए, राजस्थान में 90 से 110 रुपए और पंजाब में 60 से 80 रुपए में बिक रहे हैं।
टमाटर की कीमत बढ़ने के 4 कारण
- कई राज्यों में बारिश के कारण टमाटर की फसल को नुकसान पहुंचा है।
- कुछ हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ रही है, जिससे उत्पादन में गिरावट आई है।
- पड़ोसी राज्यों से पर्याप्त मात्रा में टमाटर की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
- कई जगहों पर इस साल टमाटर की बुआई पिछले साल के मुकाबले कम है।
पड़ोसी राज्यों से कम आपूर्ति, ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट बढ़ी
दिल्ली की आजादपुर थोक मंडी के टमाटर व्यापारी अशोक गणोर ने बताया कि हफ्तेभर में टमाटर की कीमतें दोगुनी हो गई हैं। इसका कारण हरियाणा और उत्तर प्रदेश से टमाटर की कम आपूर्ति है। टमाटर की आपूर्ति को पूरा करने के लिए अन्य राज्यों से टमाटर मंगाए जा रहे हैं जिससे ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट बढ़ी है।
महाराष्ट्र के नारायणगांव क्षेत्र के किसान अजय बेल्हेकर ने कहा कि मई में टमाटर की कीमत 2 रुपए प्रति किलो तक आ गई थी। किसानों ने सही कीमत नहीं मिलने की वजह से फसल में कीटनाशकों और उर्वरकों का इस्तेमाल नहीं किया। इससे फसल में बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया और उत्पादन में गिरावट आई। इससे दाम बढ़ गए हैं।
दिल्ली में टमाटर की आपूर्ति को पूरा करने के लिए अन्य राज्यों से टमाटर मंगाए जा रहे हैं जिससे ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट बढ़ी है। – फाइल फोटो
बिपरजॉय साइक्लोन ने भी बढ़ाई मुश्किलें
- कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि बिपरजॉय साइक्लोन की वजह से भी टमाटर का उत्पादन प्रभावित हुआ है।
- गुजरात और महाराष्ट्र टमाटर का उत्पादन करने वाले टॉप राज्यों में शामिल है जहां बिपरजॉय का असर दिखा।
- साइक्लोन की वजह से गुजरात में टमाटर उत्पादन प्रभावित होने का असर कीमतों के बढ़ने के रूप में सामने आया।
2 महीने में टमाटर के दाम में आ सकती है गिरावट
टमाटर की नई फसल के साथ 1-2 महीने में दाम में गिरावट आने की उम्मीद है। तमिलनाडु एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी के अनुसार टमाटर के पौधे जब तीन महीने के हो जाते हैं तो इनसे हफ्ते में दो बार टमाटर तोड़ सकते हैं। ये पौधे 1-2 महीने की अवधि तक फसल देते हैं। हालांकि ये किस्म, मिट्टी और जलवायु परिस्थितियों पर निर्भर करती है।
चीन के बाद भारत सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक देश
नेशनल हॉर्टिकल्चरल रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन के अनुसार, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक देश भारत है। ये करीब 7.89 लाख हेक्टेयर क्षेत्र से लगभग 25.05 टन प्रति हेक्टेयर की औसत उपज के साथ करीब 2 करोड़ टन टमाटर का उत्पादन करता है। चीन 5.6 करोड़ टन उत्पादन के साथ टॉप पर है।
भारत में साल 2021-22 में 2 करोड़ टन से ज्यादा टमाटर का उत्पादन हुआ था। यहां मुख्य तौर पर दो तरह के टमाटर उगाए जाते हैं। हाइब्रिड और लोकल। मध्य प्रदेश देश में सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक राज्य है। इसके बाद सर्वाधिक टमाटर उगाने वाले राज्यों में आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा और गुजरात का नंबर है।
टमाटर के साथ ज्यादातर सब्जियां महंगी
टमाटर के अलावा बाकी ज्यादातर सब्जियां भी सामान्य से ऊंचे दाम पर बिक रही हैं। उदाहरण के लिए एक किलो बीन्स की कीमत ₹120-₹140 के बीच है। गाजर की कुछ किस्मों की कीमत ₹100 के करीब पहुंच गई है। एक किलो शिमला मिर्च की कीमत भी ₹80 के पार पहुंच गई है।
Source: ln.run/tzTRu