राफेल विमान की खरीद पर पीएम मोदी के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने के मामले में राहुल गांधी की याचिका पर आज बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। केस में पिछली सुनवाई 2 अगस्त को हुई थी। तब कोर्ट ने पुलिस को राहुल के खिलाफ 26 सितंबर तक कड़ी कार्रवाई न करने का निर्देश दिया था।
राजस्थान में कहा था- कमांडर इन चोर, चौकीदार चोर है
राहुल गांधी ने 2018 में राजस्थान में एक रैली के दौरान राफेल विमान खरीद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा था कि कमांडर इन चोर, चौकीदार चोर है। रैली के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर भी पोस्ट कर पीएम मोदी के लिए कमांडर इन थीप लिखा था। राहुल की इस टिप्पणी पर भाजपा नेता महेश श्रीमल ने राहुल के खिलाफ मुंबई के गिरगांव पुलिस स्टेशन में मानहानि का केस किया था।
राहुल ने 2019 में यह बयान दिया था, जिसके चलते मार्च 2023 में कोर्ट ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी।
राहुल बोले- शिकायतकर्ता मानहानि का केस नहीं कर सकता
मामले में साल 2021 में एक लोकल कोर्ट ने राहुल गांधी को समन जारी कर पेश होने का निर्देश दिया था। इसके खिलाफ राहुल बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंचे थे। राहुल गांधी ने अपनी याचिका में कहा था कि शिकायतकर्ता गुप्त राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से प्रेरित है। मानहानि का दावा वही कर सकता है, जिसे कथित तौर पर बदनाम करने के लिए बयान दिया गया हो। ऐसे में शिकायत को मानहानि का केस करने का अधिकार ही नहीं है।
कोर्ट ने नवंबर 2021 में मजिस्ट्रेट को मानहानि की शिकायत पर सुनवाई टालने का निर्देश दिया था, जिसका मतलब था कि कांग्रेस नेता को मजिस्ट्रेट के सामने पेश होने की जरूरत नहीं है। फिर कई बार राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई टली और उन्हें मिली अंतरिम राहत की अवधि भी बढ़ाई जाती रही। 2 अगस्त को बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस एस वी कोतवाल की सिंगल बेंच ने कांग्रेस नेता की याचिका पर सुनवाई 26 सितंबर तक के लिए टाल दी थी।
दरअसल, शिकायककर्ता के वकील ने सुनवाई के दौरान कोर्ट से समय मांगा था। इस पर जस्टिस कोतवाल ने कहा कि मामले की सुनवाई 26 सितंबर को होगी। तब तक राहुल को पहले दी गई अंतरिम राहत जारी रहेगी।
मानहानि केस में राहुल गांधी को 2 साल की सजा मिली
सूरत की एक कोर्ट ने 22 मार्च 2023 को राहुल गांधी को एक मामले में 2 साल की सजा सुनाई थी। साथ ही 15 हजार का जुर्माना भी लगाया। इसके कुछ देर बाद कोर्ट ने उन्हें जमानत भी दे दी। साथ ही सजा को 30 दिन के लिए स्थगित कर दिया। सुनवाई के दौरान राहुल कोर्ट में मौजूद रहे। इसके अगले दिन 23 मार्च को राहुल की सांसदी रद्द कर दी गई।
राहुल गांधी की सांसदी जाने के 133 दिन बाद 5 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उस फैसले पर ही रोक लगा दी थी। जिसके बाद उनकी सांसदी बहाल हो गई थी।
कोलार में कहा था- चोरों का सरनेम मोदी
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल ने अपने भाषण में कहा था कि चोरों का सरनेम मोदी है। सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है, चाहे वह ललित मोदी हो या नीरव मोदी हो चाहे नरेंद्र मोदी। इस केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में पेश हुए थे। आखिरी बार अक्टूबर 2021 की पेशी के दौरान उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था।
यह केस सूरत पश्चिम के विधायक पूर्णेश मोदी ने दर्ज किया था। पूर्णेश का कहना था कि राहुल गांधी ने हमारे समाज को चोर कहा था। चुनावी सभा में हमारे खिलाफ आरोप लगाए गए, जिससे हमारी और समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची।
Source: ln.run/S8SRk