पितृपक्ष 14 अक्टूबर तक:जानिए घर पर ही कैसे करें पितरों के लिए श्राद्ध कर्म और पितृपक्ष में कौन-कौन से शुभ काम करें

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आज (29 सितंबर) भाद्रपद महीने की पूर्णिमा है और आज प्रौष्ठपदी श्राद्ध किया जाएगा। कल यानी 30 सितंबर से पितृपक्ष की प्रतिपदा तिथि रहेगी। पितरों को याद करने का महापर्व 14 अक्टूबर तक रहेगा। जानिए घर पर ही कैसे कर सकते हैं पितरों के श्राद्ध कर्म और इन दिनों में कौन-कौन से शुभ काम करें.

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, पितृपक्ष में पितरों के लिए श्राद्ध कर्म करने के साथ ही दान-पुण्य और अन्य धर्म-कर्म जरूर करना चाहिए। पितृपक्ष में शुद्ध सात्विक भोजन करना चाहिए। लहसुन-प्याज, मांसाहार, नशा, आलस से बचना चाहिए। इन दिनों में खासतौर पर खीर-पुड़ी बनाई जाती है। खीर-पुड़ी से ही धूप-ध्यान और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं।

अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु तिथि न मालूम हो तो क्या करें?

घर-परिवार के मृत सदस्यों की मृत्यु तिथि पर पितृपक्ष में श्राद्ध कर्म करने चाहिए। जैसे अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु चतुर्थी तिथि पर हुई है तो उसका श्राद्ध पितृपक्ष की चतुर्थी तिथि पर ही करें। अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु तिथि मालूम न हो तो सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या (14 अक्टूबर) पर घर-परिवार और कुटुंब के सभी मृत सदस्यों के लिए धूप-ध्यान, पिंडदान, श्राद्ध कर्म करना चाहिए।

Source: ln.run/Bjq5C

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