पुष्य नक्षत्र में निवेश करना शुभ:यहां जानें इन्वेस्टमेंट के 5 अलग-अलग ऑप्शन, जितना ज्यादा रिस्क उतना ज्यादा रिटर्न

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आज यानी 4 नवंबर शनिवार और 5 नवंबर, रविवार को पुष्य नक्षत्र है। सभी नक्षत्रों में पुष्य को राजा का दर्जा मिला है, इसलिए इस दौरान निवेश को शुभ माना गया है। ऐसे में अगर आप किसी भी तरह के निवेश का प्लान बना रहे हैं तो यहां हम निवेश के 5 अलग-अलग ऑप्शन के बारे में बता रहे हैं। आप अपने रिस्क के हिसाब से इनमें निवेश कर सकते हैं और रिटर्न कमा सकते हैं।

1. डेट इंस्ट्रूमेंट में निवेश
डेट इंस्ट्रूमेंट में निवेश करने पर रिटर्न करीब-करीब गारंटिड होता है। इन इंस्ट्रूमेंट्स में ब्याज पहले से तय होता है। कंपनी या संस्था, पैसा जुटाने के लिए इस निवेश माध्यम का इस्तेमाल करती हैं। निवेशक निश्चित ब्याज आय कमाने के लिए इसमें निवेश करता है। इन इंस्ट्रूमेंट्स में लॉन्ग टर्म या शॉर्ट टर्म के लिए निवेश किया जा सकता है।

निवेश कैसे कर सकते हैं: बैंक और पोस्ट ऑफिस के जरिए इसमें निवेश किया जा सकता है।

किसे निवेश करना चाहिए: जो लोग बिल्कुल भी रिस्क नहीं चाहते वो इसमें निवेश कर सकते हैं।

2. इक्विटी में निवेश
इक्विटी का मतलब है किसी कंपनी में शेयर। इक्विटी निवेश में हाई रिटर्न की संभावना रहती है, जिससे आप समय के साथ अपनी वेल्थ बढ़ा सकते हैं। स्टॉक, एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड और म्युचुअल फंड के जरिए इसमें निवेश किया जा सकता है। इसमें बाजार में अस्थिरता जैसे रिस्क शामिल हैं, इसलिए लॉन्ग टर्म निवेश को बेहतर माना जाता है।

निवेश कैसे कर सकते हैं: इसके लिए ब्रोकर के पास डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा।

किसे निवेश करना चाहिए: जो लोग रिस्क उठाने की क्षमता रखते हैं वो इसमें निवेश कर सकते हैं।

3. सोने-चांदी में निवेश

अगर आपको सोने-चांदी में निवेश करना पसंद है तो फिजिकल गोल्ड जैसे ज्वेलरी या सोने के बिस्किट-सिक्कों में निवेश कर सकते हैं। इसके अलावा गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश किया जा सकता है। यहां निवेश करने पर इक्विटी से कम रिस्क है। रिटर्न भी डेट इंस्ट्रूमेंट से ज्यादा मिलने की संभावना रहती है।

निवेश कैसे कर सकते हैं: गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट होना चाहिए। जबकि फिजिकल गोल्ड ज्वेलर्स के पास से खऱीदा जा सकता है।

किसे निवेश करना चाहिए: कम रिस्क के साथ अच्छे रिटर्न के लिए इसमें निवेश कर सकते हैं।

4. कमोडिटी में निवेश
इक्विटी मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं। वहीं कमोडिटी मार्केट में कच्चे माल जैसे काली मिर्च, धनिया, जीरा, हल्दी, मेटल को बेचा और खरीदा जाता है। भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए दो प्रमुख एक्सचेंज हैं। इसमें मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी MCX और नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज यानी NCDEX.

निवेश कैसे कर सकते हैं:निवेश के लिए ब्रोकर के पास डिमैट अकाउंट की जरूरत होगी।

किसे निवेश करना चाहिए: जो लोग रिस्क उठाने की क्षमता रखते हैं वो इसमें निवेश कर सकते हैं।

5. रियल एस्टेट
रियल एस्टेट में निवेश यानी प्रॉपर्टी खरीदना और बेचना। इसमें लंबे समय में निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिल सकता है। रेंटल इनकम के जरिए भी इसमें रिटर्न कमाया जा सकता है। इसके अलावा REITs यानी रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट के जरिए भी रियल एस्टेट में निवेश कर सकते हैं। ये म्यूचुअल फंड में निवेश करने जैसा है। यहां पैसा शेयर मार्केट में न लगाकर प्रॉपर्टीज में लगता है।

निवेश कैसे कर सकते हैं: इसके लिए ब्रोकर के पास डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा।

किसे निवेश करना चाहिए: जो लोग रिस्क उठाने की क्षमता रखते हैं वो इसमें निवेश कर सकते हैं।

अब निवेश के नियम जानें…
निवेश का सफर शुरू करने से पहले दो चीजों को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए। समय और निवेश पर मिलने वाला रिटर्न। 5 फाइनेंशियल रूल्स निवेश के सफर में आपकी मदद कर सकते हैं…

  • 70 के नियम के अनुसार 70 को मौजूदा महंगाई दर से भाग देकर ये पता कर सकते हैं कि आपके निवेश का मूल्य कितनी तेजी से घटकर आधा रह जाएगा। उदाहरण के लिए जैसे अभी महंगाई दर 5% है तो आपके पैसे का मूल्य करीब 14 साल में घटकर आधा रह जाएगा। यानी आपको कहीं ऐसी जगह निवेश करना होगा जहां से आपको सालाना 5% रिटर्न मिले।
  • 50-20-30 नियम के अनुसार आपको अपनी रकम को तीन हिस्सों में बांटना होगा। टैक्स के बाद 50% सैलरी को घरेलू खर्चों के लिए रखना होगा। 20% को थोड़े-थोड़े समय पर पड़ने वाली जरूरतों के लिए और 30% निवेश भविष्य में पड़ने वाली जरूरतों के लिए करना होगा।
  • 72 का नियम पैसे को दोगुना करने में लगने वाला समय बताता है। संभावित रिटर्न या ब्याज दर से 72 को भाग दें और देखें। SIP में निवेश पर आपको 15% रिटर्न मिलता है, तो इसे डबल करने में लगने वाले समय को निकालने के लिए 72 को 15 से भाग दे सकते हैं, जो 4.8 साल के बराबर होगा। यानी आपका पैसा 4.8 साल में 2 गुना हो जाएगा।
  • 114 का नियम रकम तिगुना करने में लगने वाले समय का हिसाब देता है। 114 को आप संभावित ब्याज दर से भाग देकर ये समय निकाल सकते हैं। उदाहरण के लिए अगर निवेश से आपको सालाना 15% रिटर्न मिलता है तो 114 को 15 से भाग दीजिए, जो 7.6 साल के बराबर है। यानी आपका पैसा 7.6 साल में 3 गुना हो जाएगा।
  • 100 माइनस उम्र नियम संपत्ति का आवंटन करने के संबंध में हैं। 100 में से अपनी उम्र को घटा दीजिए। जो नंबर आपको मिलेगा, वह प्रतिशत होगा, जिसका आपको शेयर बाजार में निवेश करना चाहिए। यह नियम इस पर आधारित है कि जितनी कम आपकी उम्र होगी, आपके जोखिम लेने की क्षमता उतनी ज्यादा होगी।

Source: ln.run/3U8ew

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