दिल्ली की CBI स्पेशल कोर्ट ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले के सभी 7 आरोपियों को दोषी ठहरा दिया। इनमें जेएलडी यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, कंपनी के मैनेजमेंट से जुड़े 3 व्यक्ति, पूर्व कोयला सचिव और दो अन्य सरकारी कर्मचारी शामिल हैं।
स्पेशल जस्टिस संजय बंसल ने इन्हें आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी करने का दोषी पाया। वहीं, IPC की धारा 409 के आरोपों में सभी को बरी कर दिया। दोषियों की सजा तय करने के लिए 18 जुलाई को सुनवाई होगी।
गुरुवार को हुई सुनवाई में CBI ने कोर्ट को बताया कि जेएलडी यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने छत्तीसगढ़ में फतेहपुर ईस्ट कोल ब्लॉक गलत फैक्ट्स पेश करके हासिल किया था। जांच एजेंसी ने बताया कि कोयला घोटाले से जुड़े मामलों में यह 13वीं दोषसिद्धि है।
क्या है कोयला घोटाला
JLD यवतमाल कंपनी को छत्तीसगढ़ में फतेहपुर ईस्ट कोल ब्लॉक आवंटित किया गया था। यह आवंटन कंपनी के मालिक की सिफारिश पर हुआ था।
विपक्षी दलों ने मामले में अनियमितताओं का आरोप लगाया, जिसके बाद सीबीआई को इसकी जांच सौंप दी गई। एजेंसी के मुताबिक, JLD यवतमाल समूह की कंपनियों को साल 1995 से 2005 के बीच चार कोल ब्लॉक आवंटन की बात छिपाई गई थी। इससे कोल ब्लॉक आवंटन में अनियमितता हुई थी।
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