एशियन गेम्स के लिए ट्रायल छूट पर विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने विरोधियों को खुलकर जवाब दिया। सोमवार देर शाम दोनों सोशल मीडिया पर लाइव आए। दोनों ने कहा कि उन्होंने कभी ट्रायल में छूट नहीं मांगी। हम भी बिना ट्रायल के नहीं जाना चाहते। ट्रायल करा लो, जो ताकतवर होगा, वह आगे जाएगा।
वहीं विनेश फोगाट ने कहा कि पूर्व WFI अध्यक्ष सांसद बृजभूषण बहुत ताकतवर है। वह हमें कब गोली मरवा दें, इस बारे में हमें कुछ पता नहीं है। हर वक्त हमारी और हमारे परिवार की जान हथेली पर रहती है।
विनेश-बजरंग के ये बयान भाजपा नेता पूर्व पहलवान योगेश्वर दत्त के सवाल उठाने और पहलवान अंतिम पंघाल के दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की प्रतिक्रिया में आए हैं। अंतिम ने इसे जहां जूनियर पहलवानों के साथ बेइंसाफी बताया था, वहीं योगेश्वर ने ट्रायल छूट के फैसले को कुश्ती को अपवित्र करने की बात कही थी।
विनेश-बजरंग की अहम बातें
1. हमें विदेश में नोटिस आ गए, अंतिम को समझ नहीं
” पहलवान अंतिम पंघाल ने हमारे खिलाफ केस किया है, हम यहां विदेश में प्रैक्टिस कर रहे हैं, हमारे पास यहां पर ही कोर्ट से नोटिस आ गए। अंतिम पंघाल अपनी जगह बिल्कुल सही है। उसे अपना हक मिलना चाहिए। लेकिन उसे बहकाया गया है। इस उम्र में समझ नहीं होती है।
2. हम आज तक नहीं हारे हैं
अंतिम पंघाल और कोई दो-चार खिलाड़ियों ने कहा कि विनेश और बजरंग को हराने वाले बहुत हैं। लेकिन, आज तक हम हारे नहीं हैं। हम विदेश तैयारी के लिए आए हैं, देश से भागे नहीं है। हमसे ट्रायल ले लो।
3. योगेश्वर कहे बृजभूषण भगवान, हम केस वापस ले लेंगे
योगेश्वर दत्त भरी पंचायत में कह दे कि बृजभूषण भगवान हैं, हम केस ही वापस ले लेंगे। योगेश्वर दत्त ने जांच कमेटी में होकर महिला खिलाड़ियों के ऊपर बहुत दबाब बनाया। उन्हें कहा कि अपनी प्रैक्टिस करो, बृजभूषण का कुछ नहीं बिगड़ेगा। कमेटी के बीच से योगेश्वर कई बार उठकर बाहर आया और बृजभूषण से फोन पर पूछा कि इनसे और क्या सवाल पूछने हैं? बजरंग ने कहा कि मैं इस बारे में बता सकता हूं कि योगेश्वर ने बृजभूषण से जांच कमेटी बनने के बाद कब-कब और कहां-कहां बात की?।
4. योगेश्वर खुद बिना ट्रायल के गया
योगेश्वर दत्त अब कुश्ती समाज का ठेकेदार बन गया है। मैं इससे सवाल पूछना चाहता हूं कि तू अब ट्वीट कर रहा है कि ये कुश्ती को अपवित्र कर रहे हैं। ये अपवित्रता 2014 एशियन गेम्स के ट्रायल में कहां गई थी, जब तू बिना ट्रायल दिए बृजभूषण के पैर पकड़ कर प्रवेश कर गया था।
5. विरोधियों को कुश्ती जगत की पंचायत बुलाने का चैलेंज
हमारे विरोध में कुछ लोग एकजुट हैं। सभी कुश्ती जगत की एक पंचायत बुला लें। दोनों पक्षों के सवालों के सवाल-जबाब होंगे। जहां हम गलत होंगे, अपनी गलती मान लेंगे और कुश्ती जगत से ही दूर हो जाएंगे।
6. कुछ लोग बृजभूषण के टुकड़ों पर भौंक रहे
कुछ लोग आजकल यूट्यूबर बन गए हैं। जो बृजभूषण के फेंके टुकड़ों के हिसाब से भौंक रहे हैं। ये समाज में सिर्फ ये दिखाना चाहते हैं कि हम समाज के ठेकेदार हैं। लेकिन अब तुम्हारी राजनीति चमकेगी नहीं। ये बरसाती मेंढक हैं।
2022 में लड़कियों के साथ अन्याय हुआ
बजरंग पूनिया ने कहा कि जब हम जंतर मंतर पर बैठे थे, तो हमारा निजी स्वार्थ नहीं था। बहन-बेटियों के लिए ही बैठा था। 2022 में जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में लड़कियों के साथ कितना अन्याय हो रहा था। खिलाड़ियों का कमरे से बाहर भी निकलना मुश्किल हो रहा था। विनेश फोगाट बोलीं कि हमे खुशी है कि अब खिलाड़ी अपने हक के लिए बोलने लगे हैं। अपने हक की आवाज उठाने लगे हैं। कुश्ती के लिए ये बहुत अच्छे संकेत हैं। हम यहीं चाहते थे कि खिलाड़ी अन्याय के खिलाफ बोलें।
हाईकोर्ट कर चुकी याचिका खारिज
वहीं, विनेश और बजरंग को मिली छूटी के खिलाफ दायर रेसलर अंतिम पंघाल और सुजीत कलकल की याचिका को शनिवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने WFI से इसका जबाब मांगा था। जबाब मिलने के बाद कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सभी नियमों के अनुसार ही यह छूट दी गई है।
पहलवानों की एकता को तोड़ने का काम किया
वहीं, पहलवान साक्षी मलिक ने ट्वीट करके कहा, ‘सरकार ने एशियन गेम्स में सीधे नाम भेजकर पहलवानों की एकता को तोड़ने का काम किया है। मैं न कभी बिना ट्रायल खेलने गई हूं और न ही इसका समर्थन करती हूं। सरकार की इस मंशा से विचलित हूं। हमने ट्रायल्स की डेट आगे बढ़वाने की बात कही थी, लेकिन सरकार ने हमारी झोली में यह बदनामी डाल दी है।’
साक्षी मालिक ने आगे कहा- ‘मुझे 3-4 दिन पहले सरकार की तरफ से फोन आया था कि हम बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को एशियन गेम्स के लिए भेज रहे हैं, आप भी मेल कर दो, आपको भी भेज देंगे। मैंने साफ मना कर दिया।’
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योगेश्वर ने ट्वीट करके लिखा कि आज एशियाई खेलों के लिए कुश्ती की महिला और पुरुष वर्ग में IOA द्वारा बनाई एडहॉक कमेटी के निर्देशों के अनुसार सेलेक्शन ट्रायल करवाया गया, जिसमें पुरुष वर्ग के 65 किग्रा और माहिलाओं के 53 किग्रा वर्ग के खिलाड़ी विशाल कालीरमन और अंतिम पंघाल को ट्रायल में जीतने के बावजूद इसलिए नहीं चुना गया, क्योंकि इन भार वर्गों में कमेटी द्वारा पहले ही नाम फाइनल किए जा चुके हैं
Source: ln.run/YwQhA