आनंद महिंद्रा को याद आई अपनी पहली EV:बोले- वर्ड EV डे ने मुझे अतीत में धकेला, रिटायरमेंट से पहले नागरकर ने दिया था गिफ्ट

आनंद महिंद्रा

वर्ड EV डे के मौके पर आनंद महिंद्रा ने महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के पहले इलेक्ट्रिक व्हीकल ‘बिजली’ की कहानी शेयर की है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर आनंद महिंद्रा ने पोस्ट कर लिखा,’ आज वर्ड EV डे है और इसने मुझे अतीत में वापस धकेल दिया है। सटीक रूप से कहें तो 1999 में जब महिंद्रा ग्रुप के दिग्गज नागरकर ने हमारी पहली EV- 3 व्हीलर बिजली बनाई।

रिटायरमेंट से पहले यह उनका हमें गिफ्ट था। मैं उनके शब्द कभी नहीं भूलूंगा- वह पृथ्वी के लिए कुछ करना चाहते थे। दुख की बात है कि बिजली अपने समय से बहुत आगे थी और प्रोडक्शन के कुछ सालों बाद हमने उसे अलविटा कह दिया। लेकिन इसके पीछे का सपना हमें प्रेरित करता रहता है और हम तब तक आराम नहीं करेंगे जब तक वे सपने हकीकत नहीं बन जाते।’

महिंद्रा ग्रुप की पहली EV की लोगों ने की तारीफ
महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप की पहली इलेक्ट्रिक व्हीकल वाले पोस्ट पर लोग अलग-अलग तरह के कमेंट कर रहे हैं। एक एक्स यूजर ने लिखा,’1999 में EV, उस दौर में भी महिंद्रा काफी आगे थी।

हमें उम्मीद है कि महिंद्रा कम से कम ईवी के डिजाइन में टेस्ला/BYD को पीछे कर देगी।’ वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा,’वाह बहुत अच्छा। आपकी कंपनी हमेशा समय से आगे रही है।’

थार-ई को चांद पर उतारने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं आनंद महिंद्रा
चांद पर विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर की सफल लैंडिंग के बाद हाल ही में आनंद महिंद्रा ने थार-ई को चांद पर उतारने की इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने लिखा था,’हमारी महत्वाकांक्षाओं को उड़ान देने के लिए धन्यवाद इसरो। भविष्य में एक दिन हम चांद की सहत पर विक्रम और प्रज्ञान के बगल में थार-ई को उतरते देखेंगे और असंभव को संभव करेंगे।’

इसके साथ ही आनंद महिंद्रा ने एक एनिमेशन वीडियो शेयर किया था। वीडियो में चांद की सतह पर विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर की जगह थार-ई बाहर आते दिखाई दे रही है।

आनंद महिंद्रा ने चांद की सतह पर विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर की जगह थार-ई बाहर आते हुए ये एनिमेशन वीडियो शेयर किया था।

आनंद महिंद्रा ने चांद की सतह पर विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर की जगह थार-ई बाहर आते हुए ये एनिमेशन वीडियो शेयर किया था।

1997 में महिंद्रा ग्रुप के MD बने आनंद महिंद्रा
आनंद महिंद्रा 1997 में ग्रुप के MD बने थे। हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने वाले आनंद ने शायद तभी जान लिया था कि नए बिजनेस में उतरे बगैर ग्रुप को नई ऊंचाइयों पर ले जाना मुमकिन नहीं है। देश में बिजनेस के बदलते माहौल को भांपते हुए आनंद महिंद्रा ने ऑटो इंडस्ट्री पर फोकस किया।

उन्होंने इस प्रोजेक्ट पर काम कर चुके अपने इंजीनियर्स को भारतीय बाजार के लिए मल्टी यूटिलिटी व्हीकल (MUV) का कॉन्सेप्ट तैयार करने का काम सौंपा। उनकी यह कोशिश कामयाब रही। महिंद्रा ने 2002 में भारतीय बाजार में स्कॉर्पियो नाम से अपनी पहली MUV पेश की। यह पूरी तरह से भारत में विकसित गाड़ी थी। स्कॉर्पियो की कामयाबी के बाद आनंद ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

Source: ln.run/RuGPl

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