एक जुलाई से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा के श्रद्धालुओं के साथ धोखाधड़ी करने वाले तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपी जम्मू-कश्मीर में यात्रा की नकली रजिस्ट्रेशन स्लिप बनाने और बेचने का काम कर रहे थे।
इनमें से मुख्य आरोपी दिल्ली का रहने वाला है, जो नकली परमिट बनाता था। उसके दो सहयोगी बस सेवा का इंतजाम करने और श्रद्धालुओं के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट तैयार करने का काम करते थे। इन लोगों ने बड़ी संख्या में अमरनाथ यात्रियों के साथ फ्रॉड किया था।
जम्मू के एक कैंप में बैठे फेक रजिस्ट्रेशन वाले यात्री। इन्होंने सरकार से अपील की कि इस मामले को जल्द से जल्द हल करें।
शुक्रवार को पुलिस को मिले थे 400 से ज्यादा नकली परमिट
पुलिस ने शुक्रवार को जम्मू, सांभा और कठुआ जिले में यात्रियों के पास से 400 से ज्यादा नकली रजिस्ट्रेशन परमिट बरामद किए थे। इसके बाद पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज करके छानबीन शुरू की।
जम्मू के सीनियर सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस चंदन कोहली ने बताया कि हमारी जांच में सामने आया कि दिल्ली का एक शख्स इस रैकेट को चला रहा है। जम्मू-कश्मीर पुलिस की एक टीम ने दिल्ली में रेड डाली और शहादरा के वेस्ट रोहतास नगर से हरेंद्र वर्मा नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया। बाद में उसके दो सहयोगी- दलीप प्रजापति और विनोद कुमार को भी गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने तीनों आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने आरोपियों का कंप्यूटर-प्रिंटर जब्त किया
SSP चंदन कोहली ने बताया कि रेड के दौरान एक कंप्यूटर और प्रिंटर जब्त किया गया है। इन्हीं की मदद से नकली रजिस्ट्रेशन बनाकर प्रिंट किए जाते थे। SSP ने अमरनाथ यात्रियों से अपील की है कि वे सिर्फ सरकारी दफ्तरों में जाकर रजिस्ट्रेशन कराएं और ऐसे अपराधियों का शिकार बनने से बचें।
12 हजार से ज्यादा तीर्थयात्री पवित्र गुफा की ओर रवाना
रविवार को 4,903 तीर्थयात्रियों का तीसरा जत्था जम्मू आधार शिविर से पवित्र गुफा की ओर रवाना हुए। पिछले 3 दिनों में 12 हजार 807 तीर्थयात्री अमरनाथ गुफा की ओर रवाना हो चुके हैं।
शनिवार को अमरनाथ यात्रियों का दूसरा जत्था अनंतनाग के नुनवान बेस कैंप से रवाना हुआ।
पहली बार अमरनाथ यात्रियों के लिए मेज-सोफे, भंडारे में मोटा अनाज
शनिवार को श्री अमरनाथ यात्रा का पहला दिन था। पहले दिन करीब 16,000 भक्तों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए, इनमें करीब 655 लोग अमृतसर से थे। यहां देशभर से हजारों श्रद्धालु बालटाल पहुंच रहे हैं, जिनकी सेवा के लिए लंगर सोसायटियों ने इस बार सोफे-मेज और कुर्सियों का भी प्रबंध किया है। इससे पहले कभी यहां सोफे-मेजों का प्रबंध नहीं हुआ था।
भंडारे में सुबह से रात तक पौष्टिक और मोटे अनाज का आहार दिया जा रहा है, ताकि यात्रियों के शरीर में ताकत और इम्युनिटी बनी रहे। तीनों समय के भंडारे में दलिया, काले चने, दही, परांठे, हलवा, लस्सी, ब्रैड पकौड़े, चाय-काफी, बेसन की रोटी, सलाद, बाजरे की रोटी, दाल, चावल, कड़ी, पनीर, केसर बादाम वाला दूध, राजमाह व मोटा अनाज दिया जा रहा है।
जंक-फ्राइड फूड, तंबाकू उत्पाद प्रतिबंधित
इस बार सभी पड़ाव पर तंबाकू प्रोडक्ट्स की बिक्री और जंक या फ्राइड फूड पर पाबंदी होगी। दोनों रूट पर 120 लंगर हैं। हाई रिस्क वाले ढाई किमी रूट पर यात्रियों को हेलमेट लगाना अनिवार्य होगा। ये मुफ्त मिलेंगे।
स्पॉट रजिस्ट्रेशन संभव
यात्रा के लिए श्रीनगर आकर कैब के जरिए 98 किमी दूर बेस कैंप बालटाल पहुंचना होगा। ऑनस्पॉट रजिस्ट्रेशन जम्मू में शुरू हो चुके हैं। बालटाल से शुरू 800 मी. डामर सड़क बन गई है। आगे 2 किमी डोमेल तक पेवर ब्लॉक की सड़क है। वहां से बराड़ी तक 8 किमी कच्ची सड़क है। हालांकि इसे चौड़ा किया गया है। इससे आगे 5 किमी ढलान के साथ खड़ी चढ़ाई है। गुफा तक सड़क का काम जारी है।
अमरनाथ धाम का महत्व
- माना जाता है कि अमरनाथ स्थित एक पवित्र गुफा में भगवान शिव एक बर्फ-लिंगम यानी बर्फ के शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं। बर्फ से शिवलिंग बनने की वजह से इसे ‘बाबा बर्फानी’ भी कहते हैं।
- पवित्र गुफा ग्लेशियरों, बर्फीले पहाड़ों से घिरी हुई है। गर्मियों के कुछ दिनों को छोड़कर यह गुफा साल के अधिकांश समय बर्फ से ढंकी रहती है। गर्मियों के उन्हीं दिनों में यह तीर्थयात्रियों के दर्शन के लिए खुली रहती है।
- खास बात ये है कि इस गुफा में हर साल बर्फ का शिवलिंग प्राकृतिक रूप से बनता है। बर्फ का शिवलिंग, गुफा की छत में एक दरार से पानी की बूंदों के टपकने से बनता है। बेहद ठंड की वजह से पानी जम जाता है और बर्फ के शिवलिंग का आकार ले लेता है।
- यह दुनिया का एकमात्र शिवलिंग है, जो चंद्रमा की रोशनी के आधार पर बढ़ता और घटता है। यह शिवलिंग श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को पूरा होता है और उसके बाद आने वाली अमावस्या तक आकार में काफी घट जाता है। ऐसा हर साल होता है।
अमरनाथ यात्रा पर हुए हैं 36 आतंकी हमले
- अमरनाथ तीर्थयात्रियों को पहली धमकी 1993 में पाकिस्तान स्थित हरकत-उल-अंसार आतंकी संगठन की ओर से दी गई थी।
- अमरनाथ यात्रा पर पहला आतंकी हमला 2000 में हुआ था। इनमें 32 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 21 तीर्थयात्री थे।
- 2001 में तीर्थयात्रियों के कैंप पर आतंकियों के ग्रेनेड हमले में 13 लोगों की मौत हो गई थी।
- 2002 में दो आतंकी हमलों में 11 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी। 2017 में आतंकियों की गोलीबारी में 8 तीर्थयात्री मारे गए थे।
- 2017 में सरकार ने लोकसभा में बताया था कि 1990 से 2017 तक यानी 27 वर्षों में अमरनाथ यात्रा पर 36 आतंकी हमले हुए, जिनमें 53 तीर्थ यात्रियों की मौत हुई, जबकि 167 घायल हुए।
- Source: ln.run/oDi4_