बैंक डिपॉजिट के लिए खतरा बन रहा है म्यूचुअल फंड:रिस्क के बावजूद 3 साल में 24.8% की रेट से बढ़ा MF में इन्वेस्टमेंट

Mutual Fund

म्यूचुअल फंड की लगातार बढ़ती पॉपुलेरिटी से बैंक डिपॉजिट्स को तगड़ा कॉम्पिटिशन मिल रहा है। ‘बैंक डिपॉजिट के लिए म्यूचुअल फंड कितना गंभीर खतरा है?’ नाम की एक रिपोर्ट में बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) ने बताया कि अब ज्यादातर लोगों में फाइनेंशियल रिस्क लेने की आदत डेवलप हो गई है।

MF इंडस्ट्री की 3 साल में 24.8% की रेट से ग्रोथ
अगर कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) की बात की जाए तो 2019-20 के अगले तीन वित्त वर्ष यानी 2020-21, 2021-22 और 2022-23 में यह 24.8% की रेट से बढ़कर ₹20.26 लाख करोड़ से ₹39.42 लाख करोड़ हो गया। वहीं अगर बैंक डिपॉजिट की बात करें तो, इसमें केवल 10% की ग्रोथ (CAGR) ही देखी गई है। वित्त वर्ष 2020 से 2023 तक यह केवल ₹135.67 लाख करोड़ से ₹180.44 लाख करोड़ ही बढ़ा है।

अगस्त 2023 में SIP में ₹15,813 करोड़ का इन्वेस्टमेंट
RBI और एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इन डंडिया (AMFI) की रिपोर्ट के हवाले से बैंक ने बताया है कि कोविड के पहले, कंबाइन आउटस्टैंडिंग अमाउंट में म्यूचुअल फंड का शेयर जहां 13% था वह अब 20% तक पहुंच गया है। केवल अगस्त 2023 में इन्वेस्टर्स ने म्यूचुअल फंड के जरिए SIP में रिकॉर्ड ₹15,813 करोड़ का इन्वेस्टमेंट किया है।

इस साल 18.6% की रेट से बढ़ी MF इंडस्ट्री
इस साल जुलाई के मुकाबले अगस्त में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की ओवरऑल ग्रोथ ₹46.37 लाख करोड़ से बढ़कर ₹46.93 लाख करोड़ हो गई है। रिपोर्ट में पाया गया है कि अगस्त 2023 के लिए बैंक डिपॉजिट (HDFC मर्जर को छोड़कर) में सालाना (YoY) 12.3% की ग्रोथ दर्ज की गई। जबकि म्यूचुअल फंड के लिए यह ग्रोथ 18.6% रहा।

रिस्क के बावजूद म्यूचुअल फंड को ज्यादा तवज्जो
रिपोर्ट में बताया गया है कि जब इन्वेस्टमेंट की बात आती है तो लोग रिस्क के बावजूद म्यूचुअल फंड को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। क्योंकि ये इन्वेस्टर के मन मुताबिक अलग-अलग तरह की स्कीम्स ऑफर करते हैं। जिसमें बैंकों की तुलना में काफी ज्यादा रिटर्न की संभावना होती है। जबकि बैंक डिपॉजिट में आपके फंड की सुरक्षा की गारंटी तो मिलती है, लेकिन वहां फिक्स्ड रेट के अनुसार ही रिटर्न मिल पाता है।

कम इंटरेस्ट रेट के चलते बैंक डिपॉजिट गिरावट
रिपोर्ट के अनुसार, बैंक डिपॉजिट में कमी का कारण महामारी के दौरान रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से बैंक रेट में बड़ी कटौती को माना गया है। इस कटौती के चलते रिटेल और कॉर्पोरेट इन्वेस्टर्स ने म्यूचुअल फंड स्कीम में काफी ज्यादा निवेश करना शुरू कर दिया है। इससे म्यूचुअल फंड की एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) में बड़ी ग्रोथ देखी गई है।

Source: ln.run/Ri8BC

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