मणिपुर में कुकी-मैतेई समुदाय के बीच हिंसा रोकने के लिए केंद्र सरकार ने सेंट्रल फोर्स की 10 और कंपनियां तैनात करने का फैसला लिया है। CRPF की 5, BSF की 3, ITBP और SSB की एक-एक अतिरिक्त कंपनी तैनात करने का आदेश जारी किया गया।
सरकार ने यह फैसला 3 अगस्त को भीड़ की तरफ से सेना के हथियार लूटने के बाद लिया। इस दिन भीड़ ने मोइरंग और नारानसेना थाने पर हमला कर 685 हथियार और लगभग 20 हजार से ज्यादा कारतूस लूट लिए थे।
लूटे गए हथियारों में AK-47, इंसास राइफल्स, हैंड गन, मोर्टार, कार्बाइन, हैंडग्रेनेड और बम शामिल हैं। पुलिस कंट्रोल रूम ने शनिवार को बताया कि राज्य में सिर्फ घाटी के पुलिस स्टेशन से नहीं, बल्कि पहाड़ी जिलों से भी लूटे गए थे।
सुरक्षा बल इन हथियारों को रिकवर करने के लिए लगातार पहाड़ी और घाटी इलाकों में तलाशी कर रहे हैं। अब तक पहाड़ी जिलों से 138 हथियार और 121 गोला-बारूद बरामद हुए हैं। जबकि घाटी के जिलों से 1057 हथियार और 14,201 गोला-बारूद बरामद हुए हैं।
मणिपुर में 5 अगस्त को सुरक्षाबलों के साथ झड़प में तीन लोगों की मौत हो गई।
3 अगस्त की घटना के बाद क्या हुआ…
4 अगस्त : पुलिस ने सात अवैध बंकरों को नष्ट किया
हथियार लूटने की घटना के बाद पुलिस और सुरक्षाबल एक्शन में दिखे। 4 अगस्त को कौट्रुक हिल रेंज में पुलिस ने ऑपरेशन चलाकर सात अवैध बंकरों को नष्ट कर दिया। ये बंकर किस समुदाय के हैं। इसके बारे में जानकारी नहीं दी गई।
5 अगस्त : झड़प में तीन लोगों की मौत हुई
पांच अगस्त को पुलिस और भीड़ के बीच टेराखोंगसांगबी कांगवे और थोरबुंग में हिंसक झड़प हुई। जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई। यह इलाका कुकी-मैतेई के बीच का बॉर्डर है, जो बफर जोन कहलाता है।
मृतकों की पहचान युमनम जितेन मैतेई (46), युमनम पिशाक मैतेई (67) और युमनम प्रेमकुमार मैतेई (39) के रूप में की गई है, जो सभी क्वाक्टा लामल्हाई के रहने वाले हैं। हमलावर बफर जोन क्रॉस करने की कोशिश कर रहे थे। सुरक्षाबलों ने जब रोका तो इनके बीच झड़प हो गई। इस दौरान फायरिंग भी की गई। सुरक्षाबलों को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी।
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