कार्तिक मास शुरू:बड़े तीज-त्योहार का महीना है कार्तिक, जरूरतमंद लोगों को करें धन-अनाज का दान और नदी में दीपदान

kartik maas

हिन्दी पंचांग का आठवां महीना कार्तिक मास 29 अक्टूबर से शुरू हो गया है। ये महीना 27 नवंबर तक चलेगा। इस महीने में करवा चौथ, धनतेरस, दीपावली जैसे बड़े व्रत-पर्व आते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली मनाई जाती है। जानिए कार्तिक मास में क्या करें और क्या न करें.

  • करवा चौथ 1 नवंबर को, धनतेरस 10 तारीख और दीपावली 12 नवंबर को मनाई जाएगी। 27 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा रहेगी। इस महीने में खासतौर पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। जानिए कार्तिक मास क्या करें और क्या न करें…
  • इस महीने में दीपदान करना बहुत खास माना जाता है। सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद किसी पवित्र नदी में दीपक जलाकर प्रवाहित किए जाते हैं। अगर नदी में दीपदान नहीं कर पा रहे हैं तो घर पर ही स्नान के बाद भगवान के मंदिर में दीप जला सकते हैं।
  • जरूरतमंद लोगों को धन, अनाज, कपड़े, जूते-चप्पल दान जरूर करें। पूजा-पाठ के साथ ही दान-पुण्य करने से मनोकामनाएं जल्दी पूरी हो सकती हैं, ऐसी मान्यता है।
  • इस महीने में रोज सुबह तुलसी को जल चढ़ाएं और सूर्यास्त के बाद तुलसी के पास दीपक जलाएं। इस महीने में देवउठनी एकादशी (23 नवंबर) पर तुलसी और शालिग्राम जी का विवाह कराया जाता है।
  • कार्तिक मास से शीत ऋतु का असर शुरू हो जाता है। ठंड के दिनों में सेहत के लिहाज किए गए काम जल्दी फायदा देते हैं। रोज सुबह जल्दी उठें और मंत्र जप के साथ ही ध्यान भी करेंगे तो तनाव दूर हो सकता है। लगातार ध्यान करने से अशांति दूर होती है।
  • ये खान-पान में बदलाव करने का समय है। खाने में हरी सब्जियां ज्यादा शामिल करें। रोज रात में सोने से पहले हल्का गर्म दूध का सेवन करें। सुबह जल्दी उठने के बाद कम से कम दो गिलास गुनगुना पानी पिएं। वॉकिंग करें। कसरत करेंगे तो बेहतर रहेगा। योगा भी करना चाहिए। इन बदलावों से सेहत को बहुत लाभ मिलेगा।
  • कार्तिक मास में पूजा-पाठ के साथ ही अपने इष्टदेव के मंत्रों का जप जरूर करना चाहिए। मंत्र जैसे ऊँ नम: शिवाय, ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय, दुं दुर्गायै नम:, श्री गणेशाय नम:, कृं कृष्णाय नम:, रां रामाय नम:, ऊँ श्रीरामदूताय नम: आदि मंत्रों का जप कर सकते हैं। इस महीने देवी लक्ष्मी की पूजा रोज करनी चाहिए।
  • श्रीमद् भागवत कथा, शिवपुराण, विष्णुपुराण, रामायण जैसे ग्रंथों का पाठ करें। कोशिश करें कि कार्तिक मास में कम से कम किसी एक ग्रंथ का पूरा पाठ कर लें। रोज कुछ अध्यायाों का पाठ करेंगे तो महीने भर में ग्रंथ का पूरा पाठ हो सकता है।

Source: ln.run/h9bP3

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