जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल गिरफ्तार:₹538 करोड़ के बैंक धोखाधड़ी मामले में ED का एक्शन, केनरा बैंक ने की थी शिकायत

जेट एयरवेज

प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने शुक्रवार देर रात मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेट एयरवेज इंडिया लिमिटेड के फाउंडर नरेश गोयल को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें पूछताछ के लिए ED के मुंबई ऑफिस बुलाया गया था, जिसके बाद यह गिरफ्तारी हुई है।

उन पर 538 करोड़ रुपए के घोटाला का आरोप है। गोयल को आज 2 सितंबर को स्पेशल PMLA कोर्ट में पेश किया जाएगा। ED हिरासत की मांग करेगी। इसके पहले ED ने उन्हें दो बार पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वो पेश नहीं हुए थे।

पिछले साल नवंबर में केनरा बैंक ने नरेश गोयल, उनकी पत्नी अनीता सहित अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत की थी। इस शिकायत के बाद मई 2023 में CBI ने फ्रॉड केस दर्ज किया। बाद में ED ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया।

तीन पॉइंट में पूरा मामला समझें:

  • जेट को 848.86 करोड़ रुपए की क्रेडिट लिमिट और लोन दिए गए थे, जिसमें से 538.62 करोड़ रुपए बकाया हैं। ये अकाउंट 29 जुलाई 2021 में ‘फ्रॉड’ घोषित किया गया था।
  • CBI ने 5 मई को गोयल के मुंबई स्थित ऑफिस सहित 7 ठिकानों की तलाशी ली थी। नरेश गोयल, अनीता गोयल और जेट एग्जीक्यूटिव गौरांग शेट्टी के घर पर भी छापे पड़ थे।
  • CBI की FIR के आधार पर ED ने 19 जुलाई को मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। तब ED ने भी गोयल और उनके साथियों के ठिकानों पर छापेमारी कर तलाशी ली थी।

बैंक का आरोप- पैसों की हेराफेरी की गई
केनरा बैंक ने आरोप लगाया था कि जेट एयरवेज की फोरेंसिक ऑडिट में पाया गया कि जेट ने अपने से जुड़ी कपंनियों यानी ‘रिलेटेड कंपनियों’ को 1,410.41 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। ऐसा कंपनी के अकाउंट से पैसा निकालने के लिए किया गया।

गोयल परिवार के पर्सनल खर्चे – जैसे स्टाफ की सैलरी, फोन बिल और व्हीकल एक्सपेंस, सब जेट एयरवेज से ही होते थे। गोयल ने 1993 में जेट एयरवेज की स्थापना की थी। 2019 में एयरलाइन का चेयरमैन पद छोड़ दिया था।

जेट एयरवेज

अप्रैल 2019 से बंद है जेट एयरवेज
जेट एयरवेज एक समय भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट एयरलाइंस में से एक थी और एयरलाइन को साउथ एशियन नेशन की सबसे बड़ी प्राइवेट एयरलाइन का दर्जा हासिल था। फिर, कर्ज में दबे होने के कारण जेट एयरवेज 17 अप्रैल 2019 में ग्राउंडेड हो गई थी।

जून 2021 में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के बैंकरप्सी रिजॉल्यूशन प्रोसेस के तहत जालान​​​-​कालरॉक (Jalan-Kalrock) कंसोर्टियम ने जेट एयरवेज की बोली जीत ली। इसके बाद से जेट के रिवाइवल की प्रोसेस चल रही है, लेकिन अब तक एयरलाइन शुरू नहीं हो पाई है।

ये कंसोर्टियम मुरारी लाल जालान और कालरॉक कैपिटल की जॉइंट कंपनी है। जालान एक दुबई बेस्ड बिजनेसमैन हैं। वहीं कालरॉक कैपिटल मैनेजमेंट लिमिटेड फाइनेंशियल एडवाइजरी और ऑल्टरनेटिव एसेट मैनेजमेंट के क्षेत्र में काम करने वाली लंदन बेस्ड ग्लोबल फर्म है।

नरेश गोयल ने की थी जेट एयरवेज की शुरुआत
1990 के दशक की शुरुआत में टिकटिंग एजेंट से एंटरप्रेन्योर बने नरेश गोयल ने जेट एयरवेज इंडिया लिमिटेड की शुरुआत कर लोगों को एअर इंडिया का ऑल्टरनेटिव दिया था। एक वक्त जेट के पास कुल 120 प्लेन थे और वो लीडिंग एयरलाइन में से एक हुआ करती थी।

‘दि जॉय ऑफ फ्लाइंग’ टैग लाइन वाली कंपनी जब पीक पर थी तो हर रोज 650 फ्लाइट्स का ऑपरेशन करती थी। जब कंपनी बंद हुई तो उसके पास केवल 16 प्लेन रह गए थे। मार्च 2019 तक कंपनी का घाटा 5,535.75 करोड़ रुपए का हो चुका था।

Source: ln.run/jDeZV

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