आज ED के सामने पेश नहीं होंगे अरविंद केजरीवाल:MP के सिंगरौली में रैली करेंगे; ED ने शराब नीति केस में पूछताछ के लिए बुलाया था

Arvind Kejriwal

दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल शराब नीति केस में पूछताछ के लिए आज जांच एजेंसी ED के सामने पेश नहीं होंगे। AAP के सूत्रों के मुताबिक, वे पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ मध्यप्रदेश के सिंगरौली में रैली करेंगे।

ED ने 30 अक्टूबर को केजरीवाल को पूछताछ के लिए आने का समन भेजा था। इसे लेकर आज सुबह करीब 9 बजे केजरीवाल ने ED को जवाब भेजा था कि ये​ नोटिस गैर-कानूनी और राजनीति से प्रेरित है।

केजरीवाल ने कहा कि ये नोटिस भाजपा के कहने पर भेजा गया है, ताकि मुझे चार राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए जाने से रोका जा सके। ED को ये नोटिस वापस लेना चाहिए।

शराब नीति केस में केजरीवाल से CBI ने अप्रैल में करीब साढ़े 9 घंटे तक पूछताछ की थी। शराब नीति केस में दिल्ली के पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया और AAP सांसद संजय सिंह जेल में हैं।

राजघाट पर बढ़ाई गई सुरक्षा
केजरीवाल के पूछताछ के लिए जाने की संभावनाओं के बीच दिल्ली विधानसभा के स्पीकर रामनिवास गोयल ने उनके घर पहुंचकर उनसे मुलाकात की। केजरीवाल के 10 बजे राजघाट जाने की भी संभावना थी। इसे लेकर राजघाट पर पुलिस बल को तैनात किया गया।

ED दफ्तर के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किया गया था।

ED दफ्तर के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किया गया था।

AAP का दावा- केजरीवाल गिरफ्तार हो सकते हैं
दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने मंगलवार को दावा किया था कि 2 नवंबर को ED मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर सकती है। केजरीवाल के बाद I.N.D.I.A गठबंधन के दूसरे नेता भी गिरफ्तार होंगे। अगला नंबर झारखंड के CM हेमंत सोरेन, बिहार के डिप्टी CM तेजस्वी यादव, केरल के CM पी विजयन, तमिलनाडु के CM एमके स्टालिन और बंगाल की CM ममता बनर्जी का है।

आतिशी ने कहा कि PM मोदी को अरविंद केजरीवाल से डर लगता है। भाजपा को पता है कि वह चुनाव में AAP को नहीं हरा सकती है। इसलिए AAP के सीनियर नेताओं को एक-एक कर जेल में डाला जा रहा है।

आतिशी ने कहा कि PM मोदी को अरविंद केजरीवाल से डर लगता है। भाजपा को पता है कि वह चुनाव में AAP को नहीं हरा सकती है। इसलिए AAP के सीनियर नेताओं को एक-एक कर जेल में डाला जा रहा है।

अप्रैल में CBI ने केजरीवाल से साढ़े 9 घंटे पूछताछ की थी

16 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल पूछताछ के लिए CBI दफ्तर पहुंचे थे।

16 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल पूछताछ के लिए CBI दफ्तर पहुंचे थे।

इसी साल अप्रैल में शराब नीति केस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से CBI ने अपने ऑफिस में करीब साढ़े 9 घंटे तक पूछताछ की थी। वे सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर एजेंसी के ऑफिस पहुंचे थे और रात 8:30 बजे एजेंसी के ऑफिस से बाहर आए।

केजरीवाल ने कहा था- हमारे पास छिपाने को कुछ नहीं
CBI से पूछताछ के बाद केजरीवाल ने कहा था कि CBI ने जितने सवाल पूछे मैंने सभी के जवाब दिए। हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। ये पूरा का पूरा कथित शराब घोटाला झूठ है, फर्जी है और गंदी राजनीति से प्रेरित है। AAP कट्टर ईमानदार पार्टी है। हम मर-मिट जाएंगे पर कभी अपनी ईमानदारी के साथ समझौता नहीं करेंगे। वे AAP को खत्म करना चाहते हैं, लेकिन देश की जनता हमारे साथ है। लगभग 56 सवाल उन्होंने पूछे।

पूछताछ के बाद केजरीवाल ने कहा था- मेहमाननवाजी के लिए CBI अधिकारियों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। उन्होंने दोस्ताना तरीके से सवाल पूछे।

पूछताछ के बाद केजरीवाल ने कहा था- मेहमाननवाजी के लिए CBI अधिकारियों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। उन्होंने दोस्ताना तरीके से सवाल पूछे।

5 पॉइंट्स में सिलसिलेवार शराब नीति घोटाला के बारे में जानिए…

1. नवंबर 2021 में नई शराब नीति लागू हुई
दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इस नीति से शराब की दुकानें निजी हाथों में चली जाएंगी। सिसोदिया से जब नई नीति लाने का मकसद पूछा गया तो उन्होंने दो तर्क दिए। पहला- माफिया राज खत्म होगा। दूसरा- सरकारी खजाना बढ़ेगा।

17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति 2021-22 लागू कर दी गई। इससे शराब कारोबार से सरकार से बाहर हो गई और ये बिजनेस निजी हाथों में चला गया। कई बड़े डिस्काउंट देने से शराब की जमकर बिक्री हुई। इससे सरकारी खजाना तो बढ़ा, लेकिन इस नई नीति का विरोध होने लगा।

2. जुलाई 2022 में शराब नीति में घोटाले का आरोप लगा
8 जुलाई 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने नई शराब नीति में घोटाला होने का आरोप लगाया। उन्होंने इससे जुड़ी एक रिपोर्ट एलजी वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी। इसमें बताया गया कि सिसोदिया ने लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। उधर, LG ने भी कहा है कि उनकी और कैबिनेट की मंजूरी के बिना ही शराब नीति में बदलाव कर दिए।

3. अगस्त 2022 में CBI और ED ने केस दर्ज किया
एलजी सक्सेना ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर CBI जांच की मांग की। 17 अगस्त 2022 को जांच एजेंसी ने केस दर्ज किया। इसमें मनीष सिसोदिया, तीन रिटायर्ड सरकारी अफसर, 9 बिजनेसमैन और दो कंपनियों को आरोपी बनाया गया। सभी पर भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किया।

19 अगस्त को सिसोदिया के घर और दफ्तर समेत सात राज्यों के 31 ठिकानों पर छापेमारी की। इस पर सिसोदिया ने दावा किया कि सीबीआई को कुछ नहीं मिला। इधर, 22 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने CBI से मामले की जानकारी लेकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया।

4. जुलाई 2022 में सरकार ने नई नीति को रद्द किया
विवाद बढ़ता देख 28 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति को रद्द कर दिया। फिर से पुरानी नीति लागू करने का फैसला लिया। 31 जुलाई को सरकार ने कैबिनेट नोट में बताया कि शराब की ज्यादा बिक्री के बाद भी सरकार की कमाई कम हुई, क्योंकि खुदरा और थोक कारोबारी शराब के धंधे से हट रहे थे।

5. फरवरी 2023 में CBI ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया
सिसोदिया के पास एक्साइज डिपार्टमेंट था, इसलिए उन्हें कथित तौर पर इस घोटाले का मुख्य आरोपी बनाया गया। कई बार पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ने 26 फरवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल वे जेल में हैं। CBI ने सिसोदिया पर आरोप लगाया कि एक्साइज मिनिस्टर होने के नाते उन्होंने मनमाने और एकतरफा फैसले लिए, जिससे खजाने को भारी नुकसान पहुंचा और शराब कारोबारियों को फायदा हुआ।

शराब घोटाला मामले में संजय सिंह भी गिरफ्तार

4 अक्टूबर को गिरफ्तारी के बाद संजय सिंह ने अपने समर्थकों का आभिवादन किया और हाथ हिलाते हुए कार में बैठ वो निकल गए।

4 अक्टूबर को गिरफ्तारी के बाद संजय सिंह ने अपने समर्थकों का आभिवादन किया और हाथ हिलाते हुए कार में बैठ वो निकल गए।

आबकारी नीति केस में ही ED ने 4 अक्टूबर को AAP सांसद संजय सिंह को भी अरेस्ट कर लिया। उनके दिल्ली वाले घर पर सुबह 7 बजे ED की टीम पहुंची। 10 घंटे तक चली छापेमारी के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। अगले दिन 5 अक्टूबर को उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने उन्हें 10 अक्टूबर तक की रिमांड पर भेज दिया।

Source: ln.run/JIAUl

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