अगर आपके मोबाइल पर इनकम टैक्स रिफंड से जुड़ा कोई मैसेज आ रहा है, जिसमें अकाउंट नंबर या किसी और इन्फॉर्मेशन को वेरीफाई करने की बात की जा रही है तो ऐसे मैसेज से सावधान हो जाएं। इस तरह के मैसेज फर्जी हो सकते हैं और इनका रिप्लाई करने पर आपका बैंक अकाउंट खाली हो सकता है।
जालसाजों की नजर में हैं टैक्सपेयर्स
नॉन-ऑडिट केस के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की तारीख 31 जुलाई को समाप्त हो चुकी है। इसके बाद अब टैक्सपेयर्स को डिपार्टमेंट की ओर से रिफंड देने की प्रोसेस भी शुरू हो चुकी है। इस बीच ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले काफी चालाकी से टैक्सपेयर्स को कॉल या मैसेज के जरिए लिंक भेज कर अपने जाल में फंसाने की कोशिश में लग गए हैं।
‘PIB फैक्ट चेक’ में फ्रॉड की पुष्टि
इसी तरह का एक वायरल मैसेज सरकार की ऑफिशियल फैक्ट चेकर ‘PIB फैक्ट चेक’ ने शेयर किया है। जिसमें लिखा है…”डियर सर आपका ITR रिफंड ऐप्लिकेशन अप्रूव हो चूका है। जल्द ही आपके अकाउंट में 15,490 जमा कर दिया जाएगा। आपका अकाउंट नंबर 5XXXXX6755 सही नहीं है, इसे वेरीफाई करें। अपने बैंक अकाउंट का इन्फॉर्मेशन दिए गए लिंक पर जाकर अपडेट करें।” इस मैसेज को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने भी शेयर किया है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नहीं भेजता कोई मैसेज
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्सपेयर्स को इस तरह का कोई मैसेज नहीं भेजता है। प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद आपका इनकम टैक्स रिफंड सीधे आपके उसी बैंक अकाउंट में भेज दिया जाता है, जिसे आपने ITR भरते समय दिया था। साथ ही इसकी सूचना आपके रजिस्टर्ड ई-मेल या मोबाइल नंबर पर मैसेज के जरिए दे दी जाती है। यदि डिपार्टमेंट को आपके अकाउंट से जुड़ी कोई सूचना चाहिए तो वह आपके रजिस्टर्ड ईमेल पर मैसेज करेगा।
डिपार्टमेंट में करें शिकायत
इसलिए आपके पास इस तरह का कोई मैसेज आता है, जिसमें किसी लिंक के जरिए बैंक अकाउंट में सुधार या अपडेट की बात की जा रही है तो इसे फ्रॉड समझें और इसकी शिकायत इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को करें।
डिपार्टमेंट के इन नंबरों पर कॉल कर शिकायत करें
- 1800 103 0025
- 1800 419 0025
- +91-80-46122000
- +91-80-61464700
7 से 120 दिनों के भीतर जारी होता है रिफंड
ITR रिफंड आमतौर पर रिटर्न दाखिल करने की तारीख से 7 से 120 दिनों के भीतर जारी किया जाता है। टेक्नोलॉजी के एडवांस होने और प्रोसेस ऑनलाइन होने से रिफंड के लिए ऐवरेज प्रोसेसिंग टाइम में काफी कमी आई है।
रिफंड की स्थिति कैसे जांचें?
ई-फाइलिंग वेबसाइट -incometaxindiaefiling.gov.in या नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड की ई-गवर्नेंस वेबसाइट – tin.nsdl.com के माध्यम से टैक्स रिफंड स्टेटस देख सकते हैं। यहां हम स्टेटस कैसे देखना है, इसकी प्रोसेस बता रहे हैं:
- www.incometax.gov.in खोलें और यूजर आईडी (पैन) और पासवर्ड दर्ज करके अकाउंट में लॉग इन करें।
- ‘ई-फाइल’ ऑप्शन पर क्लिक करें ‘इनकम टैक्स रिटर्न’ चुनें और फिर ‘व्यू फाइल्ड रिटर्न’ पर क्लिक करें।
- अब आपको ‘व्यू डिटेल्स’ ऑप्शन चुनना होगा जो फाइल किए गए नए ITR का स्टेटस दिखाएगा।
वहीं वेबसाइट tin.tin.nsdl.com के माध्यम से इनकम टैक्स स्टेटस की जांच करने के लिए, यूजर्स को अपना परमानेंट अकाउंट नंबर (पैन) दर्ज करना होगा। अब असेसमेंट ईयर चुनें। ‘रिफंड पेमेंट’ स्टेटस सामने आ जाएगा।
रिफंड में देरी के क्या कारण हो सकते हैं?
रिफंड या तो इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से किया जाता है यानी सीधे खाते में जमा किया जाता है या चेक के माध्यम से किया जाता है। रिफंड लेट होने के 5 कारण हो सकते हैं –
- बैंक अकाउंट डिटेल्स का गलत होना
- अतिरिक्त दस्तावेज/जानकारी की आवश्यकता
- रिफंड के लिए गलत जानकारी देना
- टीडीएस/टीसीएस में मिसमैच होना
- रिफंड रिक्वेस्ट का अंडर प्रोसेस होना
ITR वेरिफिकेशन करना जरूरी
इनकम टैक्स रिटर्न जमा करने के बाद इसे वेरीफाई करना जरूरी है, क्योंकि रिफंड में देरी का ये भी करण हो सकता है। इसलिए, यदि इसे वेरीफाई नहीं किया गया है, तो फाइल किए गए ITR को लीगल नहीं माना जा सकता और डिपार्टमेंट उसे प्रोसेस नहीं करेगा। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ITR को वेरिफाई करने के लिए 5 ऑप्शन ऑफर करता है। नेट बैंकिंग, बैंक ATM, आधार OTP, बैंक अकाउंट और डी-मैट अकाउंट।
रिफंड में देरी होने पर क्या करें?
सबसे पहले अपना ईमेल चेक करें। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने किसी तरह की कोई ऐडिशनल जानकारी के लिए मेल तो नहीं भेजा है। यदि आईटीआर स्टेटस से पता चलता है कि रिफंड एक्सपायर हो गया है, तो टैक्सपेयर रिफंड को री-इश्यू करने का अनुरोध कर सकता है। वहीं अगर स्टेटस में ‘रिटर्न्ड’ दिखा रहा है, तो ई-फाइलिंग पोर्टल/आकलन अधिकारी के पास रिफंड री-इश्यू रेज कर सकते हैं।
Source: ln.run/Evry1