एशिया कप 30 अगस्त से 17 सितंबर तक श्रीलंका और पाकिस्तान में खेला जाएगा। अगर ICC इवेंट को छोड़ दिया जाए तो यह दुनिया का सबसे बड़ा लिमिटेड ओवर टूर्नामेंट है। इस बार एशिया कप इसलिए भी ज्यादा अहम है क्योंकि यह वर्ल्ड कप के एक महीने पहले खेला जा रहा है।
इसके जरिए सभी टीमें अपनी वर्ल्ड कप की तैयारी को मजबूत करेंगी। ऐसे में जानते हैं वनडे वर्ल्ड कप के नजदीक आने से पहले डिफेंडिंग चैम्पियन श्रीलंका, भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान को एशिया कप में किन सवालों से जूझना पड़ेगा…
श्रीलंका: कमजोर बैटिंग को मजबूत करने का मौका
इस साल दो बार दो महाद्वीपों में श्रीलंका वनडे में 80 से कम स्कोर पर ऑल आउट हो गया है। वर्ल्ड कप क्वालिफायर में स्कॉटलैंड ने श्रीलंका को 245 पर ढेर कर दिया था। टीम नीदरलैंड्स के खिलाफ 213 और 233 रन पर आउट हो गई थी।
निश्चित रूप से श्रीलंका ने इन स्कोर का बचाव किया, लेकिन ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उनके गेंदबाजी आक्रमण ने विरोधी बल्लेबाजों को मुश्किल में डाल दिया था। उनकी बल्लेबाजी खासकर टॉप ऑर्डर में डायनेमिज्म की कमी है। पांचवें पर असलंका को छोड़कर अन्य निराश करते हैं। भारत, पाक की मजबूत बल्लेबाजी होने से श्रीलंका के गेंदबाजों को दिक्कत हो सकती है। उन्हें एशिया कप में इसका हल तलाशना होगा।
बांग्लादेश: अतिरिक्त खिलाड़ियों का विकल्प
बांग्लादेश के पास शाकिब और मेहदी हसन के रूप में दो बेहतरीन ऑलराउंडर हैं। ऐसे में टीम के पास एक अतिरिक्त स्पेशलिस्ट बल्लेबाज या गेंदबाज को खिलाने का विकल्प है। पूर्व कप्तान तमीम इकबाल का मानना है कि अतिरिक्त गेंदबाज उनके आक्रमण को और मजबूत करेगा, लेकिन आठवें बल्लेबाज को खिलाने से जो रन जुड़ेंगे, वे अहम होंगे।
बांग्लादेश ने हाल ही में अतिरिक्त बल्लेबाजों को टीम में रखा। मेहदी ने पिछले दिसंबर में भारत के खिलाफ नंबर-8 पर 38* व 100* रन का विजयी योगदान दिया था। हालांकि, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि बांग्लादेश किस कॉम्बिनेशन से वर्ल्ड कप में उतरेगा। एशिया कप टेस्टिंग का अच्छा मौका रहेगा।
पाकिस्तान: कमजोर टीमों के खिलाफ मिली जीत
पाकिस्तान के पास गेम टाइम कम है। यानी वर्ल्ड कप से पहले उन्हें तैयारी के लिए काफी कम मैच मिले हैं। 2019 वर्ल्ड कप से बाद अब तक उन्होंने सिर्फ 28 वनडे खेले हैं। वे इतनी कम तैयारी के साथ वर्ल्ड कप में कभी नहीं उतरे थे। साथ ही इस दौरान उन्होंने जिन विरोधियों के साथ मुकाबले खेले, वे भी उस स्तर के नहीं रहे। पाक के 6 मैच वेस्टइंडीज और तीन नीदरलैंड्स के खिलाफ थे।
हालांकि, उन्होंने इस साल मजबूत न्यूजीलैंड के खिलाफ पांच घरेलू वनडे खेले, जिसमें से टीम ने चार में जीत दर्ज की। पाकिस्तान ने इन 28 मैच में से 19 में जीत दर्ज की है, जिसमें कई मैच आसानी से जीते। अब एशिया कप में मजबूत विरोधियों के सामने उन्हें खुद को परखने का मौका रहेगा।
अफगानिस्तान: पाक के खिलाफ सीरीज से प्रैक्टिस
अफगानिस्तान के पास हर टीम को चुनौती देने की क्षमता है। वे हर टूर्नामेंट में पिछली बार से मजबूत होकर आते हैं। उनके पास दुनियाभर की टी20 लीग में खेलने वाले गुरबाज, राशिद, मुजीब जैसे सितारे हैं। इसके अलावा नबी और शाहिदी जैसे वनडे के खिलाड़ी भी हैं।
पाक के खिलाफ मार्च में टी20 सीरीज में मिली जीत से उनके आत्मविश्वास को मजबूती मिलेगी। साथ ही पाक के खिलाफ जारी 3 वनडे की सीरीज से एशिया कप के लिए मैच प्रैक्टिस होगी।
भारत: एशिया कप के जरिए वर्ल्ड कप के लिए टीम कॉम्बिनेशन तलाशने में मदद मिलेगी
टीम इंडिया ने एशिया कप के लिए 17 खिलाड़ी चुने हैं। यानी उनके पास वर्ल्ड कप के लिए अपने 15 खिलाड़ी चुनने का मौका रहेगा। अगर उसके प्रमुख खिलाड़ी चोट से रिकवरी हो गए तो टीम पूरी ताकत के साथ उतरेगी।
हार्दिक-जडेजा के एकसाथ टीम में होने से भारत को अब ऐसे बल्लेबाज की जरूरत नहीं है, जो गेंदबाजी कर सके। दोनों गेंद और बल्ले से विरोधी को परेशान करने में सक्षम हैं। टीम का सबसे बड़ा सिरदर्द यह है कि उसके चारों प्रमुख गेंदबाजों में से कोई भी छक्का नहीं मार सकता। चार स्पेशलिस्ट गेंदबाज बुमराह, कुलदीप, प्रसिद्ध, सिराज हैं जबकि शमी बैक-अप में हैं।
इनमें से कोई भी बल्लेबाजी में सक्षम नहीं है। ऐसे में शार्दुल और अक्षर को शामिल करना जरूरी हो जाता है, जो नंबर-8 पर बल्लेबाजी करने उतरेगा। एशिया कप के बड़े मैच भारत को वर्ल्ड कप के लिए टीम कॉम्बिनेशन तलाशने में मदद करेंगे।
Source: rb.gy/dp1j2