एअर इंडिया ने नया लोगो अनवील किया:दिसंबर 2023 तक विमानों पर दिखेगा, अमीरात-कतर एयरवेज जैसे ब्रांड को टक्कर देने का प्लान

एअर इंडिया ने नया लोगो अनवील किया

एअर इंडिया ने गुरुवार को अपना नया लोगो अनवील किया। टाटा ग्रुप की एयरलाइन 15 महीने से इसपर काम कर रही थी। यह अशोक चक्र से प्रेरित पुराने लोगो की जगह लेगा। नए लोगो में सुनहरे, लाल और बैंगनी रंगों का इस्तेमाल किया गया है। कंपनी ने कहा, ‘यह लोगो असीमित संभावनाओं और भविष्य के लिए एयरलाइन का बोल्ड, कॉन्फिडेंट आउटलुक दर्शाता है।’

लंदन बेस्ड ब्रांड और डिजाइन कंसल्टेंसी फर्म फ्यूचर ब्रांड के साथ पार्टनरशिप में इस लोगो को डिजाइन किया गया है। यह दिसंबर 2023 से एअर इंडिया के विमानों पर दिखाई देगा। एअर इंडिया का पहला एयरबस A350 नए लोगो के साथ बेड़े में एंटर होगा। फ्यूचर ब्रांड ने अमेरिकन एयरलाइंस और ब्रिटिश लक्जरी ऑटोमोबाइल ब्रांड बेंटले के साथ ब्रांडिंग पर काम किया है।

एयर इंडिया का नया लोगो दि विस्ता सोने की खिड़की के फ्रेम के शिखर से प्रेरित है

एयर इंडिया का नया लोगो दि विस्ता सोने की खिड़की के फ्रेम के शिखर से प्रेरित है

अमीरात और कतर एयरवेज जैसे कैरियर्स को टक्कर देने का प्लान
एअर इंडिया अपने नए मेकओवर के साथ अमीरात और कतर एयरवेज जैसे कैरियर्स को टक्कर देना चाहता है। एअर इंडिया की पहचान उसका महाराजा मैस्कट रहा है। 1946 में इसे डिजाइन किया गया था। एअर इंडिया के तब के कॉमर्शियल डायरेक्टर बॉबी कूका और विज्ञापन एजेंसी जे.वाल्टर थॉम्पसन के आर्टिस्ट उमेश राव ने मिलकर ब्रांड आइकन बनाया था।

हालांकि, एअर इंडिया के CEO और MD कैंपबेल विल्सन ने फरवरी में कहा था कि एअरलाइन के मेगा मेकओवर के बाद भी महाराजा इस ब्रांड का हिस्सा बने रहेंगे। एयरलाइन अपने एयरपोर्ट लाउंज और प्रीमियम क्लास के लिए महाराजा की इमेज का इस्तेमाल करना जारी रख सकती है।

एअर इंडिया की पहचान उसका महाराजा मैस्कट रहा है। 1946 में इसे डिजाइन किया गया था।

एअर इंडिया की पहचान उसका महाराजा मैस्कट रहा है। 1946 में इसे डिजाइन किया गया था।

नया लोगो असीमित संभावनाओं का प्रतीक
टाटा संस के चेयरमैन एन.चंद्रशेखरन ने कहा कि नया लोगो असीमित संभावनाओं का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि एयरलाइन को वर्ल्ड लेवल पर कॉम्पिटिटिव बनाने के लिए बहुत सारे प्रयासों की आवश्यकता है। कंपनी अब सभी ह्यूमन रिसोर्सेज को अपग्रेड करने पर फोकस कर रही है।

मौजूदा बेड़े को लेकर चंद्रशेखरन ने कहा कि एअर इंडिया ने विमानों का बड़ा ऑर्डर दिया है, लेकिन नए विमान आने में कुछ समय लगेगा। उन्होंने कहा, “इस बीच, हमें अपने मौजूदा बेड़े को नवीनीकृत करना होगा और उसे स्वीकार्य स्तर पर लाना होगा।’

एअर इंडिया के CEO और MD कैंपबेल विल्सन बाएं और टाटा संस के चेयरमैन एन.चंद्रशेखरन एअर इंडिया का नया लोगो लॉन्च करते हुए

एअर इंडिया के CEO और MD कैंपबेल विल्सन बाएं और टाटा संस के चेयरमैन एन.चंद्रशेखरन एअर इंडिया का नया लोगो लॉन्च करते हुए

18,000 करोड़ रुपए में खरीदी थी एयरलाइन
जनवरी 2022 में, टाटा ग्रुप ने एयरलाइन का मैनेजमेंट और कंट्रोल अपने हाथ में लिया था। इसे भारत सरकार से 18,000 करोड़ रुपए में खरीदा था। सितंबर 2022 में एयरलाइन ने इंडियन हार्ट केसाथ वर्ल्ड क्लास ग्लोबल एयरलाइन बनने की दिशा में अपने मल्टी स्टेज ट्रांसफॉर्मेशन रोडमैप Vihaan.AI को अनवील किया था।

बीते दिनों दिया था 470 विमानों का ऑर्डर
एयरलाइन ने बीते दिनों 470 विमानों के लिए ऑर्डर दिया था। इस डील में एअर इंडिया को फ्रांस की कंपनी एयरबस से 250 एयरक्राफ्ट और अमेरिकी कंपनी बोइंग से 220 एयरक्राफ्ट मिलेंगे। 31 एयरक्राफ्ट साल के आखिर तक सर्विस में शामिल हो जाएंगे, बाकी विमान 2025 मिड तक आएंगे। DGCA से भी इस डील को मंजूरी मिल गई है।

ग्लोबल एविएशन लीडर बनना चाहता है एअर इंडिया
एअर इंडिया नए एयरक्राफ्ट को बेड़े में शामिल कर दुनिया के लंबी दूरी के अन्य डेस्टिनेशन्स तक भी अपनी सर्विस को बढ़ाना चाहता है। यहां अभी विदेशी एयरलाइंस का दबदबा है और वो बड़े आराम से मार्केट के इस बड़े हिस्से को कंट्रोल कर रही हैं। एअर इंडिया के इस मार्केट में उतरने से गल्फ कैरियर्स को सीधे-सीधे भारतीय एयरलाइन से टक्कर मिलेगी।

1932 में शुरू हुई थी एअर इंडिया
एअर इंडिया के इतिहास की बात करें तो इसकी शुरुआत अप्रैल 1932 में हुई थी। इसकी स्थापना उद्योगपति JRD टाटा ने की थी। उस वक्त नाम टाटा एयरलाइंस हुआ करता था। JRD टाटा ने महज 15 की उम्र में साल 1919 में पहली बार शौकिया तौर पर हवाई जहाज उड़ाया था, लेकिन शौक जुनून बन गया और JRD टाटा ने अपना पायलट का लाइसेंस ले लिया।

15 अक्टूबर 1932 को पहली उड़ान
एयरलाइन की पहली कॉमर्शियल उड़ान 15 अक्टूबर 1932 को भरी गई थी। तब सिर्फ सिंगल इंजन वाला ‘हैवीलैंड पस मोथ’ हवाई जहाज था, जो अहमदाबाद-कराची के रास्ते मुंबई गया था। प्लेन में उस वक्त एक भी यात्री नहीं था बल्कि 25 किलो चिट्ठ‍ियां थीं। चिट्ठियों को लंदन से ‘इम्पीरियल एयरवेज’ से कराची लाया गया था। यह एयरवेज ब्रिटेन का राजसी विमान था। इसके बाद साल 1933 में टाटा एयरलाइंस ने यात्रियों को लेकर पहली उड़ान भरी।

Source: ln.run/ySAuv

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