ऑस्ट्रेलिया ने लगातार 8 मुकाबले जीत कर वनडे वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल में जगह बना ली। टीम ने शुरुआती दो लीग मैच गंवाने के बाद इस तरह का प्रदर्शन दिया है। लीग स्टेज में ऑस्ट्रेलिया को भारत और साउथ अफ्रीका ने हराया था। साउथ अफ्रीका को तो कंगारुओं ने सेमीफाइनल में मात देकर हिसाब बराबर कर लिया। अब 19 नवंबर को फाइनल में टीम का सामना मेजबान भारत से होगा।
ऑस्ट्रेलिया एक टीम के तौर पर जीत के ट्रैक पर जरूर है लेकिन इसके खेमे की कुछ खामियां हैं जिनका फायदा उठाकर टीम इंडिया खिताब जीत सकती है।
खामी-1: स्पिनर्स को हर मैच औसतन 3 विकेट दिए, टॉप-8 टीमों में सबसे खराब
वर्ल्ड कप 2023 में ऑस्ट्रेलियाई बैटर्स ने स्पिनर्स को 30 विकेट दिए, जो टूर्नामेंट में नीदरलैंट और इंग्लैंड के खिलाफ सबसे खराब है। सेमीफाइनल में भी टीम ने तबरेज शम्सी और केशव महाराज के खिलाफ मिडिल ओवर्स में 3 अहम विकेट गंवा दिए थे।
भारत के पास कुलदीप यादव और रवींद्र जडेजा के रूप में 2 वर्ल्ड क्लास स्पिनर्स हैं। दोनों मिलकर टूर्नामेंट में 31 विकेट भी ले चुके हैं। लीग स्टेज में भी इंडियन स्पिनर्स ने 6 ऑस्ट्रेलियन बैटर्स को पवेलियन भेजा था। स्पिनर्स ने 30 ओवर में महज 3.5 की इकोनॉमी से ही रन खर्चे थे।
खामी-2: मिडिल ओवर्स में 38 विकेट गंवाए, स्मिथ-लाबुशेन 80 के स्ट्राइक रेट से खेल रहे
11 से 40 ओवर के बीच ऑस्ट्रेलिया की बैटिंग कमजोर है। वर्ल्ड कप में इस दौरान टीम हर 41 रन में 1 विकेट गंवा देती है। टीम ने इस दौरान 38 विकेट गंवाए, जो सेमीफाइनल खेलने वाली टीमों में सबसे ज्यादा है।
मिडिल ओवर्स में भारत ने 47 विकेट लिए हैं, जो 10 टीमों में साउथ अफ्रीका के बाद बेस्ट है। टीम इंडिया की 4.78 की इकोनॉमी और 26.62 का औसत 10 टीमों में बेस्ट है। मिडिल ओवर्स में ऑस्ट्रेलिया की कमजोर बैटिंग भारतीय गेंदबाजी के सामने बिखर सकती है।
मार्नस लाबुशेन और स्टीव स्मिथ ने पूरे वर्ल्ड कप में बेहद स्लो बैटिंग की है। लाबुशेन ने 75.62 और स्मिथ ने 81.86 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए, जो टीम के टॉप-6 बैटर्स में सबसे कम है। बाकी बैटर्स 100 से ज्यादा का स्ट्राइक रेट मैंटेन करते हैं, लेकिन लाबुशेन और स्मिथ अपनी स्लो बैटिंग से स्कोरिंग रेट धीमा कर देते हैं। कोलकाता की पिच पर ये स्ट्रैटजी काम आ भी जाए लेकिन अहमदाबाद में ये स्ट्रैटजी ऑस्ट्रेलिया का स्कोर कम कर सकती है।
खामी-3: शुरुआती 10 ओवर में 13 ही विकेट ले सके, औसत 46 का
शुरुआती 10 ओवर में ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज 13 ही विकेट ले सके हैं, जो सेमीफाइनल खेलने वाली टीमों में सबसे खराब है। टीम को 46 गेंद में एक विकेट मिलता है। लीग स्टेज में ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों ने भारत को 2 ही रन पर 3 झटके दे दिए थे। लेकिन उसके बाद नई गेंद से टीम 9 मैचों में 10 ही विकेट ले सकी।
सेमीफाइनल में जरूर टीम ने शुरुआती 12 ओवर में 24 रन देकर 4 विकेट झटक लिए थे, लेकिन तब बारिश का मौसम होने के कारण तेज गेंदबाजों को मदद मिली थी। अहमदाबाद में इस तरह का मौसम होने के आसार नहीं हैं।
1 से 10 ओवर के बीच भारत ने वर्ल्ड कप में 109 के स्ट्राइक रेट से 654 रन बनाए हैं, जो 10 टीमों में सबसे ज्यादा है। टीम 65 रन बनाने के बाद एक विकेट देती है, बाकी 9 टीमों में तो किसी का औसत 50 को भी नहीं छू रहा। इस दौरान भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने 21 छक्के और 42 चौके लगाए हैं, 133 के स्ट्राइक रेट से उनके 354 रन टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा हैं।
खामी-4: सिर्फ एक स्पेशलिस्ट स्पिनर, पार्टटाइमर गेंदबाजों पर निर्भर
ऑस्ट्रेलिया के लिए एडम जम्पा ने वर्ल्ड कप में 22 विकेट लिए हैं, लेकिन उन्हें दूसरे एंड से स्पिन का साथ नहीं मिला। टीम में ग्लेन मैक्सवेल और ट्रैविस हेड के रूप में 2 पार्ट टाइम स्पिनर्स हैं। वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के स्पिनर्स ने 29 विकेट लिए लेकिन इनमें से 76% विकेट जम्पा के नाम रहे। ग्लेन मैक्सवेल, ट्रैविस हेड और मार्नस लाबुशेन जैसे पार्ट टाइम स्पिनर मिल कर 7 विकेट ही ले सके।
स्पिनर्स के खिलाफ भारत के बैटर्स ने टूर्नामेंट में 10 ही विकेट गंवाए, जो 10 टीमों में सबसे कम है। दूसरे नंबर पर मौजूद न्यूजीलैंड ने 20 विकेट गंवाए। यानी स्पिनर्स के सामने भारत के बल्लेबाज आक्रामक रूप अपना लेते हैं और 111 रन बनाने के बाद विकेट देते हैं। टीम इंडिया जम्पा के खिलाफ अटैक कर पार्ट टाइम स्पिनर को बॉलिंग पर लाने के लिए मजबूर कर सकती है। जहां ऑस्ट्रेलिया और भी ज्यादा कमजोर है।
खामी-5: दो ओपनर सहित 4 लेफ्ट हैंडर मौजूद, शमी-सिराज ने 14 लेफ्टी पवेलियन भेजे
ऑस्ट्रेलिया के दोनों ओपनर ट्रैविस हेड और डेविड वॉर्नर लेफ्ट हैंडर्स हैं, उनके बाद लोअर ऑर्डर में मिचेल स्टार्क और जोश हेजलवुड भी लेफ्टी हैं। भारतीय गेंदबाजों में मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज लेफ्टी बैटर्स के खिलाफ बेहतरीन गेंदबाजी करते हैं।
- शमी लेफ्ट हैंडर्स के खिलाफ हर 22 रन पर एक विकेट लेते हैं। करियर के 30% विकेट उन्होंने लेफ्ट हैंडर्स के ही लिए हैं। इस वर्ल्ड कप में वे 8 लेफ्टी बैटर्स को आउट कर चुके हैं। यहां तो वे 4 ही रन और 7 बॉल के अंदर ही एक लेफ्ट हैंड बैटर को पवेलियन भेज रहे हैं।
- सिराज हर 21 रन देने में 1 लेफ्टी बैटर को आउट कर देते हैं। वनडे करियर के 35% विकेट उन्होंने लेफ्ट हैंडर्स के ही लिए हैं। वर्ल्ड कप में भी उन्होंने आधे विकेट लेफ्टी बैटर्स के ही लिए। लेफ्टी के खिलाफ सिराज टूर्नामेंट में हर 18 रन पर विकेट लेते हैं।
Source: ln.run/NA4kM