आज की दुनिया में सोशल मीडिया के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। यह वो जरिया है, जिसकी मदद से आज हम अपने दोस्तों-रिश्तेदारों की खोज-खबर भी रखते हैं। नौकरी भी पाते हैं, शॉपिंग भी करते हैं और अपना मनोरंजन भी करते हैं।
सोशल मीडिया का ये तो एक अच्छा पहलू है, लेकिन इसके बहुत सारे साइड इफेक्ट्स भी हैं। सोशल मीडिया पर आप फ्री में इतने मजे और इतने फायदे इसीलिए उठा पाते हैं, क्योंकि आप वहां पर प्रोडक्ट हैं।सोशल मीडिया कंपनियां आपकी पसंद और नापसंद को हर पल आंकती रहती हैं और आपका पूरा यूजर एक्सपीरियंस इसी आधार पर बनता है।
इसलिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते समय अगर कुछ बातों का ध्यान रखेंगे तो न केवल आपका पर्सनल डेटा सुरक्षित रहेगा, बल्कि आपका एक्सपीरियंस भी शानदार रहेगा। आइए टेक एक्सपर्ट अभिषेक तैलंग से जानते हैं ऐसे ही कुछ आसान, लेकिन महत्वपूर्ण तरीकों के बारे में:
1. इंटरनेट पर डेटा डिलीट नहीं होता!
इंटरनेट की डायरेक्ट्री में कोई भी डेटा एक बार दर्ज हो गया तो उसे पूरी तरह से डिलीट बहुत मुश्किल होता है। इसीलिए सोशल मीडिया पर अपनी बेहद निजी जानकारियां कभी भी ना डालें। जैसे घर का पता, फोन नंबर या फाइनेंशियल डेटा। फोटो-वीडियो शेयर करते वक्त भी ये सब पहले सोचें।
ऑनलाइन कुछ भी ऐसा पोस्ट ना करें, जिसे आप एक फीसदी भी निजी मानते हों और जिसके लीक होने से आपको कोई नुकसान हो सकता है।
इंटरनेट की डायरेक्ट्री में कोई भी डेटा पूरी तरह से डिलीट करना बहुत मुश्किल।
2. टू फैक्टर अथेंटिकेशन इनेबल करें
सोशल मीडिया पर टू फैक्टर अथेंटिकेशन (2FA) किसी सुरक्षा कवच की तरह होता है, जिसे भेदना आसान नहीं होता। अगर ये इनेबल है तो भले ही आपका पासवर्ड हैक हो जाए, लेकिन आपके अकाउंट तक बगैर दूसरे अथेंटिकेशन के कोई घुस ही नहीं सकता, फिर चाहे वो आपके आइरिस स्कैन हो या फिंगरप्रिंट्स या फिर OTP, इसलिए इस सेटिंग को जरूर इनेबल करके रखें।
3. प्राइवेसी सेटिंग्स का ध्यान रखें
सोशल मीडिया पर आपके पर्सनल डेटा की सेफ्टी के लिए जो पहला पहरेदार खड़ा होता है, वो है आपके फोन और उस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दी गई प्राइवेसी सेटिंग्स। वक्त-वक्त पर और हर अपडेट के बाद इन प्राइवेसी सेटिंग्स पर नजर डालते रहें। जैसे कि यह देखें कि आपकी पोस्ट्स उस प्लेटफॉर्म पर किस-किस को दिखती है? आपके कॉन्टैक्ट्स, फ्रेंड्स की एक्सेस किसे-किसे हैं? आपके फोटो कौन-कौन देख सकता है? और सबसे महत्वपूर्ण, आपकी लोकेशन का एक्सेस कहीं ‘Always Allow’ जैसे ऑप्शन पर तो सिलेक्ट नहीं है?
4. ‘दोस्त’ पर भी विश्वास ना करें
चूंकि आजकल हम इतने सजग तो हो गए हैं कि किसी अनजान द्वारा भेजे गए चैट या लिंक को एंटरटेन नहीं करते हैं। तो अब हैकर्स ने दूसरा रास्ता अपना लिया है। वे किसी दोस्त का सोशल मीडिया अकाउंट हैक करते हैं और फिर आपका। ये सब किसी चैट या हाइपरलिंक्स की मदद से होता है।
चैट पर आपको कोई चीज डाउनलोड करने को या किसी लिंक पर क्लिक करने को बोला जाएगा, जो आपके ‘दोस्त’ द्वारा भेजा गया होगा। आपको लगेगा कि यह आपके दोस्त ने तो भेजा है तो आप उस पर क्लिक कर देंगे या उसे डाउनलोड कर लेंगे। बस, आप भी फंस जाएंगे। इसलिए अगर थोड़ा-सा भी संदेह हो या लगे कि आपका दोस्त सोशल मीडिया या चैट पर अजीब व्यवहार कर रहा है तो सतर्क हो जाएं।
5. ‘इनेक्टिव’ अकाउंट्स पर नजर रखें
समय के साथ सोशल मीडिया पर आपकी फ्रेंड लिस्ट बढ़ती जाती है, जिनमें से कुछ को तो आप जानते हैं, पर फ्रेंड लिस्ट में काफी लोग ऐसे होते हैं, जिनसे आप ना तो कभी मिले होते हैं और ना ही आप रोजाना उनसे इंटरैक्ट करते हैं और कई ताे इनेक्टिव होते हैं। तो अपनी फ्रेंड लिस्ट में से हर दो महीने में एक बार ऐसे फ्रेंड्स को बाहर का रास्ता दिखाते रहें।
ऐसे इनेक्टिव अकाउंट्स पर ही हैकर्स सबसे पहले कब्जा जमाते हैं और फिर उनके जरिए आपके अकाउंट में सेंधमारी की कोशिश करते हैं।
Source: ln.run/lnLyl