अब ट्रूकॉलर पर लाल स्ट्रिप में दिखेगा संदिग्ध नंबर:नया एंटी फ्रॉड फीचर सर्च कॉन्टेक्स्ट रोलआउट, कंपनी ने नया आइकन और लोगो भी लॉन्च किया

Trucaller

ट्रूकॉलर ने बुधवार (20 सितंबर) को रीब्रांडिंग करते हुए ऐप का नया आइकन और लोगो लॉन्च किया है। एंड्रॉयड के गूगल प्ले स्टोर और एपल के ऐप स्टोर में यह बदलाव तुरंत दिखाई देने लगा है। रीब्रांडिंग के साथ ही कंपनी ने नया एंटी फ्रॉड फीचर ‘सर्च कॉन्टेक्ट्स’ रोलआउट है। इसकी मदद से ऐप में नंबर तीन कलर कैटगरी में दिखाई देगें।

  • रीसेंटली नाम चेंज करने वाले यूजर्स का नंबर नीले कलर की स्ट्रिप के साथ दिखाई देगा।
  • ऐप में कई बार नाम बदलने वाले यूजर्स का नंबर पीले कलर की स्ट्रिप के साथ दिखाई देगा।
  • पिछले 7 दिनों में 3 से अधिक बारे नाम बदलने वाले यूजर्स का नंबर लाल कलर की स्ट्रिप के साथ दिखाई देगा। यह संदिग्ध कैटेगरी में आएंगे, जिसमें वार्निंग लिखा दिखाई देगा।
  • तीनों कलर की स्ट्रिप में कॉलर नंबर के बारे में जानकारी भी लिखेगी।
ट्रूकॉलर ने पेश किया नया एंटी फ्रॉड फीचर 'सर्च कॉन्टेक्स्ट'।

ट्रूकॉलर ने पेश किया नया एंटी फ्रॉड फीचर ‘सर्च कॉन्टेक्स्ट’।

सभी के कम्युनिकेशन को प्रोटेक्ट करना ट्रूकॉलर का मिशन
ट्रूकॉलर के को-फाउंडर और CEO एलन ममेदी ने कहा, ‘हम अपने ब्रांड की पहचान और नए लोगो के लिए उत्साहित हैं। यह हमारे यूजर्स के प्रति हमारी निरंतर प्रतिबद्धता, लगातार विकसित होने और सुधार करने पर हमारे फोकस को दर्शाता है। हमारा मिशन सभी के कम्युनिकेशन को प्रोटेक्ट करना है।’

दुनिया भर में ट्रूकॉलर के 356 मिलियन यूजर्स
ट्रूकॉलर ने पिछले 14 सालों से कॉलर-आइडेंटिफिकेशन के रूप में पहचान बनाई है, जो मार्केट लीडर भी है। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, दुनिया भर में ट्रूकॉलर के 356 मिलियन यूजर्स है।

4 महीने पहले वॉट्सऐप ने ट्रूकॉलर के साथ की थी पार्टनरशिप
वॉट्सऐप जल्द ही फेक और स्पैम कॉल (वीडियो/ऑडियो दोनों) की पहचान करने के लिए ऐप में नया फीचर एड करने वाला है। इसके लिए इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप ने कॉलर आइडेंटिफिकेशन सर्विस देने के लिए 4 महीने पहले ट्रूकॉलर के साथ पार्टनरशिप की है।

यह फीचर वॉट्सऐप यूजर्स को फेक, स्पैम और इंटरनेट के जरिए आने वाले कॉल्स की पहचान करने में मदद करेगा। नया फीचर वॉट्सऐप के वीडियो और ऑडियो दोनों कॉल्स के लिए अवेलेबल होगा। अभी ट्रूकॉलर केवल उन कॉल्स की पहचान कर पाता है, जो यूजर्स को उनके टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर के जरिए मिलती हैं।

Source: ln.run/6U9xX

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