अडाणी ग्रुप ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अपनी एनुअल रिपोर्ट जारी कर दी है। अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने शेयरहोल्डर्स से कहा कि जनवरी में जारी अमेरिका-बेस्ड शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का मकसद हमारी रेपुटेशन को डैमेज कर मुनाफा कमाना था। उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट टारगेटेड मिस इन्फॉर्मेशन और गलत आरोपों का एक संयोजन थी।
गौतम अडाणी ने कहा, हमारे गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अमेरिका स्थित एक शॉर्टसेलर ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की। तब हम भारत के इतिहास में सबसे बड़ी फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग (FPO) लॉन्च करने की योजना बना रहे थे। रिपोर्ट के कारण हमने FPO को वापस लेने और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए उन्हें पैसा लौटाने का फैसला किया।
शॉर्ट सेलर के दावों से फायदा उठाने की कोशिश की गई
शॉर्ट-सेलिंग की घटना के परिणामस्वरूप कई प्रतिकूल परिणाम सामने आए जिनका हमें सामना करना पड़ा। भले ही हमने तुरंत एक खंडन जारी किया, विभिन्न निहित स्वार्थों ने शॉर्ट सेलर के किए गए दावों का अवसरवादी रूप से फायदा उठाने की कोशिश की। इन संस्थाओं ने विभिन्न न्यूज और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर झूठी कहानियों को शामिल किया और प्रोत्साहित किया।
विशेषज्ञ पैनल को ग्रुप में कोई रेगुलेटरी फेल्योर नहीं मिला
गौतम अडाणी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के गठित विशेषज्ञ पैनल को भी ग्रुप में कोई रेगुलेटरी फेल्योर नहीं मिला। उन्होंने ये भी कहा कि सेबी ने अभी तक अपनी रिपोर्ट जमा नहीं की है, लेकिन वे अपने गवर्नेंस और डिस्क्लोजर स्टैंडर्ड को लेकर आश्वस्त हैं।
हिंडनबर्ग ने लगाए थे शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप
24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। रिपोर्ट में ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए गए थे। इसके बाद ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली थी। अडाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर करीब 3500 रुपए से गिरकर 1000 रुपए के करीब आ गया था।
Source: ln.run/1a1c6