एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इजरायल हमास संघर्ष में फलस्तीन का समर्थन करते हुए कहा था कि ये जमीन फलस्तीन की है और भारत सरकार उनके पक्ष में ही खड़ा होना चाहिए.
इजरायल-हमास के बीच जारी संघर्ष के बीच इस मुद्दे पर भारत में भी राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का सिलसिला जारी है. असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने एनसीपी चीफ शरद पवार के फलस्तीन को लेकर दिए गए बयान पर तंज कसा है. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है शरद पवार साहब सुप्रिया सुले मैडम को हमास की तरफ से लड़ाई लड़ने के लिए गाजा भेजेंगे.’
सरमा का बयान शरद पवार के उस बयान की प्रतिक्रिया में था जिसमें उन्होंने कहा था, ‘हमें फलस्तीन के साथ मजबूती के साथ खड़ा होना चाहिए, वो पूरी जमीन फलस्तीन की थी और इजरायल ने आकर उस जमीन पर कब्जा कर लिया, उनके घरों पर कब्जा कर लिया. इजरायल वहां पर बाहरी लोग हैं और वास्तव में यह जमीन इजरायल की है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘एनसीपी उन लोगों के साथ खड़ी है जिनकी यह जमीन है.’
शरद पवार के बयान की बीजेपी ने की आलोचना
एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बयान की बीजेपी ने आलोचना की है. केंद्रीय मंत्री पीयुष गोयल ने कहा, ‘मुझे बहुत दुख होता है जब शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेता इजरायल पर हुए आतंकवादी हमले पर भारत के रुख पर ऐसे बेतुके बयान देते हैं.’
पीयूष गोयल ने एक्स करके भी शरद पवार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, आखिर पवार साहब भी तो उस सरकार का हिस्सा रह चुके हैं बाटला हाउस एनकाउंटर पर आंसू बहाए थे और भारत पर हुए आतंकी हमले के दौरान सो रही थी.
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम फडणवीस ने भी कसा तंज
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी शरद पवार के फलस्तीन के समर्थन वाले बयान पर उनकी आलोचना की. उन्होंने कहा, इजराइल-फलिस्तीन विवाद पर भारत ने कभी भी अपने रुख को नहीं बदला है. भारत ने किसी भी रूप में, किसी के भी खिलाफ आतंकवाद का लगातार विरोध किया है. जब इजरायल में निर्दोष लोगों की हत्या हुई तो भारत समेत सभी ने इन हमलों की निंदा की. शरद पवार जी को भी आतंकवाद के खिलाफ ऐसी ही भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा, आतंकी हमलों से मुंबई को काफी नुकसान हुआ है. खासकर 26/11 के दौरान मुंबई में कई नागरिकों की मौत हुई है. मेरा शरद पवार जी से अनुरोध है कि वह वोट बैंक की राजनीति पर सोचने की बजाए आतंकवाद की भी निंदा करें.
Source: ln.run/9M_pW