मणिपुर में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच जारी हिंसा के चलते कई सरकारी कर्मचारी ऑफिस नहीं जा पा रहे हैं। छुट्टी का अप्रूवल लिए बिना ऑफिस से गायब इन कर्मचारियों के लिए सरकार नया नियम ला रही है।
मणिपुर सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार जल्द ही ‘नो वर्क-नो पे’ नियम लागू करेगी। सरकार ने सभी प्रशासनिक सचिवों से उन कर्मचारियों की डिटेल देने को कहा है जो राज्य में मौजूदा स्थिति के कारण काम पर नहीं आ रहे हैं।
मणिपुर में करीब एक लाख सरकारी कर्मचारी हैं। अधिकारियों के मुताबिक, मणिपुर में विस्थापित हुए 65,000 से अधिक लोगों में राज्य सरकार के कई कर्मचारी भी शामिल हैं और उन्होंने राहत शिविरों में शरण ली है।
मणिपुर में 65,000 से अधिक लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। ये लोग सेना के राहत शिविर में रह रहे हैं।
नए नियम का विरोध, कुकी बोले- जान जोखिम में डाल रही सरकार
सरकार के नए नियम का कुकी जनजातियों की संस्था कुकी इंपी मणिपुर (KIM) ने विरोध किया है। केआईएम के महासचिव खैखोहाउह गंगटे ने कहा, मणिपुर सरकार अपने कर्मचारियों, खासकर इम्फाल घाटी से भागे लोगों की जान जोखिम में डाल रही है। उन्होंने कहा, इंफाल वापस जाने का कोई रास्ता नहीं है। इंफाल जाने का मतलब है कुकी लोगों की जान जोखिम में डालना।
हिंसा में अब तक 131 लोगों की मौत
हिंसा को देखते हुए राज्य में 30 जून तक इंटरनेट पर प्रतिबंध बढ़ा दिया गया है। सर्वदलीय बैठक में गृह मंत्रालय ने हिंसा में अब तक 131 लोगों की मौत की जानकारी दी। वहीं 419 लोग घायल हुए हैं। आगजनी की 5 हजार से ज्यादा घटनाएं हुई हैं। 6 हजार मामले दर्ज हुए हैं और 144 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। राज्य में 36 हजार सुरक्षाकर्मी और 40 IPS तैनात किए गए हैं।
मणिपुर के थानों से लूटे गए हथियारों को बेच रहे उपद्रवी
मणिपुर में बीते महीने हिंसा के दौरान लूटे गए पांच हजार से अधिक हथियार उपद्रवियों की ओर से बेचे जा रहे हैं। इसका खुलासा सेना और पुलिस के जवानों द्वारा चार हथियार तस्करों की गिरफ्तारी से हुआ है। एक रिजर्व बटालियन के कुक को भी इस सिलसिले में पकड़ा गया है।
हालांकि, उसके नाम का खुलासा नहीं हुआ। इन तस्करों के पास चार 9एमएम कार्बाइन, कुछ मैगजीन, एयर पिस्टल, गोला बारूद के अलावा 21 जिंदा कारतूस और 2.6 लाख रुपए नकद भी मिले। वहीं, नगालैंड में असम राइफल्स और कोहिमा पुलिस ने संयुक्त अभियान में मणिपुर जा रहे हथियारों की बड़ी खेप पकड़ी है। इसमें दो पिस्तौल, चार मैगजीन, गोला-बारूद और अन्य विस्फोटक सामान बरामद किया गया।
मणिपुर हिंसा के शुरुआती चरण में पुलिस थानों और सुरक्षा बलों से लूटे गए एक चौथाई हथियार वापस हासिल किए जा सके हैं। अब तक 11,00 हथियार, 13,702 गोला-बारूद और विभिन्न प्रकार के 250 बम बरामद किए गए हैं।
4 पॉइंट्स में जानिए क्या है मणिपुर हिंसा की वजह…
मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% इलाके में फैली इम्फाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं।
कैसे शुरू हुआ विवाद: मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाई कोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए।
मैतेई का तर्क क्या है: मैतेई जनजाति वाले मानते हैं कि सालों पहले उनके राजाओं ने म्यांमार से कुकी काे युद्ध लड़ने के लिए बुलाया था। उसके बाद ये स्थायी निवासी हो गए। इन लोगों ने रोजगार के लिए जंगल काटे और अफीम की खेती करने लगे। इससे मणिपुर ड्रग तस्करी का ट्राएंगल बन गया है। यह सब खुलेआम हो रहा है। इन्होंने नागा लोगों से लड़ने के लिए आर्म्स ग्रुप बनाया।
नगा-कुकी विरोध में क्यों हैं: बाकी दोनों जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। इनका कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतेई बहुल इम्फाल घाटी में हैं। ऐसे में ST वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों का बंटवारा होगा।
सियासी समीकरण क्या हैं: मणिपुर के 60 विधायकों में से 40 विधायक मैतेई और 20 विधायक नगा-कुकी जनजाति से हैं। अब तक 12 CM में से दो ही जनजाति से रहे हैं।
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राहुल गांधी 29 जून को मणिपुर जाएंगे:दो दिन रहेंगे, सेना का VIDEO- हमें कमजोर न समझें
मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर पिछले 54 दिनों से हिंसा जारी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी 29 जून को मणिपुर जाएंगे। वे दो दिन वहां रहेंगे। कांग्रेस नेता के सी वेणुगोपाल ने कहा कि राहुल राहत शिविरों में जाएंगे और सिविल सोसायटी मेंबर्स से बातचीत करेंगे।
Source: ln.run/Kdqvc