महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर धरना दे रहे लोग शुक्रवार (1 अगस्त) को हिंसक हो गए। इसके चलते पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें 20 प्रदर्शनकारी घायल हो गए।
लाठीचार्ज के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसमें 18 पुलिसकर्मियों को चोटें आई। प्रदर्शनकारियों ने धुले-सोलापुर हाईवे भी बंद कर दिया और कई सरकारी बसों में आग लगा दी।
पुलिस ने बताया कि घटना अंबाड तहसील के धुले-सोलापुर रोड पर अंतरवर्ली सारथी गांव की है। फिलहाल हालात कंट्रोल में हैं। इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
घटना से जुड़ी तीन तस्वीरें…
पुलिस प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने गई थी। इस दौरान दोनों ओर से तनाव देखने को मिला।
लाठीचार्ज के बाद प्रदर्शनकारियों ने धुले-सोलापुर हाईवे बंद कर सरकारी बसों में आग लगा दी।
लाठीचार्ज के बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, इसमें कई महिला पुलिसकर्मी भी घायल हुईं हैं।
29 अगस्त से धरना जारी था
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर 29 अगस्त से मराठा मार्चा के संयोजक मनोज जारांगे समेत 10 लोग भूख हड़ताल पर बैठे थे। 1 अगस्त को पुलिस ने उनके स्वास्थ्य को देखते हुए धरना खत्म करने के लिए उन्हें हिरासत में लेने की कोशिश की। उन्होंने इसका विरोध किया।
दोनों ओर से तनाव बढ़ने के बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। इस पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू किया। ग्रामीणों का दावा है कि पुलिस ने हवा में कुछ राउंड फायरिंग भी की, लेकिन अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
31 अगस्त की रात भी हिरासत में लेने की कोशिश की गई थी
पुलिस ने 31 अगस्त की रात भी प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने की कोशिश की थी। लेकिन वे सफल नहीं हो सके थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस लाठीचार्ज के बाद प्रदर्शनकारियों ने बीड जिले में बंद बुलाया है। हालांकि अभी तक बंद की आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।
CM ने की शांति बनाए रखने की अपील
घटना के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा समाज से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। मराठा समाज को आरक्षण मिले यह सबका उद्देश्य है।
Source: ln.run/r80Ka