सलमान खान को बॉलीवुड में पहचान दिलाने वाली फिल्म साल 1989 की ‘मैंने प्यार किया’ थी, हालांकि सलमान कभी भी इस फिल्म में काम नहीं करना चाहते थे। उन्हें लगता था कि वो फिल्म में हीरो बनने लायक नहीं है, ऐसे में जब उनकी प्रेम के रोल में कास्टिंग हो गई तो वो लगातार डायरेक्टर सूरज बड़जात्या से कास्टिंग बदलने को कहते थे। कई बार तो सलमान अपने दोस्तों को सेट पर लाकर उन्हें हीरो बनाने की गुजारिश किया करते थे। ये किस्सा खुद डायरेक्टर सूरज बड़जात्या ने सुनाया है।
सलमान खान ने 1988 की फिल्म ‘बीवी हो तो ऐसी’ से बतौर साइड हीरो करियर की शुरुआत की थी। इस फिल्म में उनका मामूली रोल था। डायरेक्टर सूरज बड़जात्या उस समय राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म मैंने प्यार किया के लिए एक फ्रेश चेहरे की तलाश में थे। जब उन्होंने फिल्म ‘बीवी हो तो ऐसी’ देखी, तो उन्होंने सलमान को फिल्म में हीरो प्रेम का रोल दे दिया। सलमान से फिल्म तो साइन कर ली, लेकिन कुछ समय बाद ही उनका मन बदल गया।
मैंने प्यार किया के सेट पर सूरज बड़जात्या के साथ सलमान खान।
हाल ही में डायरेक्टर सूरज बड़जात्या ने बॉलीवुड बबल से बातचीत में इससे जुड़ा मजेदार किस्सा शेयर किया। उन्होंने कहा, ‘असल कहानी ये है कि वो (सलमान खान) उस समय फिल्म बीवी हो तो ऐसी में काम कर रहा था और हमें एक न्यूकमर की तलाश थी। मैं उसे फिल्म से क्यों निकालता, जबकि वो बहुत अच्छा था। वो मुझे बार-बार फिल्म करने से इनकार करता था, लेकिन मैं उसकी बात नहीं मानता था। ऐसे में अपने साथ ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाकर कहता था कि मेरी जगह इन्हें ले लो। ऐसा कौन लड़का कहेगा कि मैं फिल्म करने के लिए ठीक नहीं हूं, प्लीज किसी और को ले लो। लेकिन वो सलमान खान दे और वो बीते दिनों की बात है। यही तो सलमान को यूनिक बनाता है।’
फिल्म मैंने प्यार किया 1989 की सबसे बड़ी हिट थी।
खबरें तो ये भी रहीं कि सलमान खान ने सूरज बड़जात्या से विनती की थी कि उन्हें फिल्म के हीरो की जगह फिल्म का असिस्टेंट डायरेक्टर बना दिया जाए। सलमान की बात नहीं मानी गई और उन्हें फिल्म करनी ही पड़ी। सूरज बड़जात्या ने ये भी बताया है कि सलमान की आवाज से नाखुश होकर वो उनकी आवाज बदलकर डबिंग आर्टिस्ट से रिकॉर्ड करवाना चाहते थे। बाद में सूरज बड़जात्या के पिता ने ये कहते हुए उन्हें रोक दिया कि नए लड़के को एक मौका देना चाहिए।
सलमान भले ही अपनी मर्जी के खिलाफ इस फिल्म में आए, लेकिन ये फिल्म उस साल की सबसे बड़ी हिट रही। 1989 की सबसे ज्यादा कमाई करने के साथ फिल्म से सलमान खान और भाग्यश्री स्टार बने।
सेट पर ली गई सलमान खान और सूरज बड़जात्या की फोटो।
एक संयोग से फिल्मों में आए थे सलमान
फिल्म ‘बीवी हो तो ऐसी’ (1988) के डायरेक्टर जे.के. बिहारी रेखा के देवर के रोल के लिए किसी न्यूकमर को लेना चाहते थे। उन्होंने इसके लिए ऑडिशन भी रखा, लेकिन पहले दिन ऑडिशन के लिए कोई नहीं आया। इस घटना के बाद बिहारी बेहद मायूस हो गए और उन्होंने फैसला किया कि अब जो भी उनके ऑफिस में सबसे पहले आएगा, वे उसे ही फिल्म में ले लेंगे। इत्तेफाक से सलमान खान वह पहले मेहमान बने। बिहारी ने उन्हें मुबारकबाद दी और फिल्म में साइन कर लिया। पहले तो सलमान इसे मजाक समझते रहे, लेकिन जल्दी ही उन्हें यकीन हो गया कि वे फिल्म के लिए तय हो चुके हैं।
हीरो नहीं डायरेक्टर बनना चाहते थे, दुआ मांगी थी कि फिल्म फ्लॉप हो
फिल्म की शूटिंग के दौरान सलमान अपनी परफॉर्मेंस से बेहद निराश थे। सलमान चाहते थे कि ये फिल्म फ्लॉप हो जाए और इसे कोई न देखे।
सलमान पहली फिल्म में अपनी दुबली-पतली फिजिक देखकर समझने लगे कि वो हीरो नहीं बन सकते हैं। ऐसे में उन्होंने डायरेक्टर बनने का फैसला किया। वो हमेशा स्क्रिप्ट लिखते थे और प्रोड्यूसर्स के चक्कर काटते थे, लेकिन किसी ने उन्हे बतौर डायरेक्टर चांस नहीं दिया। एक साल बाद आई उनकी फिल्म मैंने प्यार किया जबरदस्त हिट रही और सलमान को लगातार बड़ी फिल्मों के ऑफर मिलने लगे।
Source: ln.run/UU_Jg